रायपुर: वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था लागू होने के बाद अब किसी भी राशन दुकान से खाद्यान्न लिया जा सकता है। इससे मजदूरी करने राज्य में अथवा राज्य के बाहर अन्य स्थान पर जाने वाले लोगों को बड़ी सहूलियत हो रही है। पहले इन मजदूरों को राशन लेने के लिए अपने गांव के राशन दुकान जाना पड़ता था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में लागू की जा रही इस नई व्यवस्था के तहत राज्य के समस्त राशनकार्ड धारियों को आधार कार्ड प्रमाणीकरण कर बायोमेट्रिक प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद राशन उपभोक्ताओं को किसी भी राशन दुकान से राशन उठाने की सुविधा मिलेगी।
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चरणबद्ध ढंग से राशन दुकानों में आधार कार्ड के जरिए उपभोक्ता के सत्यापन के लिए राशन दुकानों में ई-पॉस मशीन उपलब्ध कराई जा रही है। रायपुर जिले में इस नई व्यवस्था का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। रोजी रोटी की तलाश में अन्य जिलों से आए मजदूर परिवारों को इसका लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। ग्राम पलौद में ऐसी एक महिला श्रीमती पूर्णिमा बंजारे है। उन्हे इस सुविधा का लाभ मिल रहा है।
श्रीमती पूर्णिमा बंजारे और उसका परिवार बेहतर रोजगार के सिलसिले में धमतरी से रायपुर आया हुआ है। यह परिवार मूलत: धमतरी जिले के ग्राम शंकरदाह, ग्राम पंचायत हरफ्तराई का रहने वाला है। वर्तमान में यह परिवार आरंग विकास खंड ग्राम पलौद में संचालित निर्माण कार्य में मजदूरी कर गुजर बसर कर रहा है। पूर्णिमा बंजारे के पति रूस्तम बंजारे ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को 04 दिसम्बर 2021 को पत्र प्रेषित कर राशन उठाने में आ रही दिक्कत के संबंध में अवगत कराते हुए उन्हें उनके कार्यस्थल के आस-पास के उचित मूल्य के दुकान के माध्यम से राशन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था।
राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बंजारे के आवेदन को संज्ञान में लेते हुए खाद्य विभाग के अधिकारियों को तत्काल उन्हें राशन उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद रूस्तम बंजारे को ई-पॉस के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण से वर्तमान निवास स्थान पलौद के उचित मूल्य दुकान से राशन वितरण शुरू हो गया है। इस परिवार ने माह जनवरी 2022 का राशन उठाया है। श्रीमती बंजारे के परिवार ने राशन उठाव की व्यवस्था उनके कार्यस्थल के निकट कराने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
श्रीमती बंजारे ने बताया कि उन्हें हर महीने पीडीएस का राशन लेने के लिए मजदूरी से दो दिन की छुट्टी लेकर 200 किलो मीटर दूर धमतरी जिले के हरफ्तराई ग्राम जाना पड़ता था जिससे मजदूरी और पैसे दोनों का नुकसान होता था। इस नई व्यवस्था से उन्हें अब अपने गांव जाने की जरूरत नही है। उन्होंने बताया कि उन्हें नई व्यवस्था से काफी सुविधा मिली है। गौरतलब है कि नई व्यवस्था से ऐसे लोग जिन्हें काम-काज के सिलसिले में अन्य स्थान जाना पड़ता है उन्हें अब अपने राशन के लिए चिंतित नहीं होना पड़ेगा। अन्य राज्यों में भी लोग अब अपना राशन उठा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस नई व्यवस्था के तहत कोकड़ी, जिला गोंदिया महाराष्ट्र की प्राथमिक राशनकार्डधारी श्रीमती पार्वती पति जनकदास जंदामल ने भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान तिरपानगढ़ विकासखंड छुरिया जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से राशन का उठाव कर रही है। श्रीमती पार्वती को पात्रता अनुसार 15 किलो चावल का वितरण किया जा रहा है। इस तरह बायोमेट्रिक प्रणाली से राशन प्राप्त करना आसान हो गया है। वन नेशन वन राशन कार्ड की इस नई व्यवस्था में राज्य में ई-पॉस के माध्यम से पीडीएस के राशन सामग्री वितरण से अब राज्य का कोई भी राशनकार्डधारी अथवा अन्य राज्य के राशनकार्डधारी छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले के उचित मूल्य दुकान से अपनी सुविधानुसार अपना राशन का उठाव कर सकते हैं।