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मंकीपॉक्स की आहट से सहमा ब्रिटेन, 77 नए केस सामने आए, अफ्रीका के बाहर संक्रमण का सबसे बड़ा प्रसार

लंदन: कोविड-19 अभी दुनिया से खत्म नहीं हुआ और अब मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से दुनिया सहम गई है। ब्रिटेन में सोमवार को के 77 और मामले सामने आने के साथ देश में इस बीमारी से संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 300 से अधिक हो गई है। अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के संक्रमण का यह सबसे बड़ा प्रसार है। अधिकारियों के मुताबिक जो लोग संक्रमित पाए गए हैं उनमें अधिकतर समलैंगिक और ‘बायसेक्सुअल’ हैं। हालांकि, अधिकारियों ने आगाह किया है कि मरीज के करीबी संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति को यह संक्रमण हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को कहा कि 24 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के 780 नए मामले आए हैं। अफ्रीका के बाहर इस बीमारी से अब तक किसी की मौत नहीं हुई है। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने बताया कि इस साल कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कांगो और नाइजीरिया में मंकीपॉक्स के 1400 से अधिक मामले आए हैं और 63 लोगों की मौत हुई है। अफ्रीका के इन चारों देशों में यह स्थानीय स्तर की महामारी है। सीडीसी के मुताबिक जीनोम अनुक्रमण में अफ्रीका के बाहर बीमारी के प्रसार के जुड़ाव के ठोस सबूत नहीं मिले हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कई देशों में मंकीपॉक्स के अचानक आए मामलों से पता चलता है कि हालिया समय में संक्रमण के प्रसार का पता नहीं चल पाया। डब्ल्यूएचओ के एक अग्रणी सलाहकार ने पिछले महीने कहा था कि स्पेन और बेल्जियम में आयोजित दो बड़े कार्यक्रम में यौन गतिविधियों की वजह से यूरोप और अन्य जगहों पर शायद यह बीमारी फैली है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने पिछले सप्ताह कहा था कि जिन समलैंगिक और बायसेक्सुअल लोगों में संक्रमण का पता चला है उनकी उम्र 20 से 49 के बीच है। जांच से यह भी संकेत मिला कि बीमारी संबंध ब्रिटेन और अन्य जगहों पर समलैंगिकों के बार और डेटिंग ऐप से है।

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