कैबिनेट ने डीएचआर और डब्ल्यूएचओ के बीच परियोजना सहयोग समझौते को मंजूरी दी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने सहायक प्रौद्योगिकी पर स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बीच परियोजना सहयोग समझौते पर किए गए हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना सहयोग समझौते पर 10 अक्टूबर, 2022 को डब्ल्यूएचओ द्वारा और 18 अक्टूबर 2022 को डीएचआर द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इस सहयोग का उद्देश्य सहायक प्रौद्योगिकी तक पहुंच, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देते हुए उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विकास और प्रसार की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने की दिशा में काम करना है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और मिस्र प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (ईसीए) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर किए गए हस्ताक्षर को भी अपनी मंजूरी दे दी है। यह एमओयू सूचना के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ विभिन्न क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से प्रतिस्पर्धा कानून और नीति में सहयोग को बढ़ावा देने तथा सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका उद्देश्य सीसीआई और ईसीए के बीच संबंधों को विकसित और सुदृढ़ बनाना है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच अनुभवों की साझेदारी और तकनीकी सहयोग के माध्यम से संबंधित अधिकार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कानून के प्रवर्तन में एक-दूसरे के अनुभवों से सीखना और अनुकरण करना है। इससे सीसीआई द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के प्रवर्तन में सुधार करने में मदद मिलेगी। इससे बड़े स्तर पर उपभोक्ताओं को लाभ होगा और इक्विटी तथा समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी बैठक में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ द मालदीव (सीए मालदीव) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को भी मंजूरी दे दी है। आईसीएआई और सीए मालदीव का उद्देश्य लेखा ज्ञान की उन्नति, व्यावसायिक और बौद्धिक विकास और संबंधित सदस्यों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग स्थापित करना तथा मालदीव और भारत में लेखा व्यवसाय के विकास में सकारात्मक योगदान देना है।
यह एमओयू, सीए मालदीव की मदद करने के अलावा, आईसीएआई सदस्यों को लघु से दीर्घावधि भविष्य में मालदीव में पेशेवर अवसर प्राप्त करने की संभावनाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करेगा। यह समझौता ज्ञापन भारत और मालदीव के बीच मजबूत कामकाजी संबंधों को बढ़ावा देगा। समझौते से दोनों देशों के पेशेवरों के आवागमन में वृद्धि होगी, साथ ही विश्व स्तर पर व्यापार के लिए एक नए आयाम की शुरुआत होगी।