स्तम्भ
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भारतीय समाज को भारतीय नजरिये से समझने की एक कोशिश
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-4 1500–1900 के कालखंड उपनिवेशवाद, नरसंहार, स्थानिक आबादी का उत्पीड़न, प्रवासी यूरोपीय जन का आधिपत्य आदि का ही…
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मेरे देश के जवानों को शत शत नमन
पूनम चंद्रवंशी कुर्बान कुछ मेरे सपनों की पहचान थीकुछ मां के सपनों का था मान ना समझा ना जाना जो…
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कोरोना-प्राइवेट लैब और हॉस्पिटलों की लूट खसोट!
डॉ.धीरज फुलमती सिंह मुबंई: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते रहते है कि आपदा मे भी अवसर छुपा होता…
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पॉलिटिक्स पप्पू से लल्लू तक
ज्ञानेन्द्र शर्मा प्रसंगवश स्तम्भ: तीन जुलाई 2019 को राहुल गॉधी हिट विकेट आउट क्या हुए तब से खिलाड़ियों के लिए…
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चीन से निपटने के तरीके
कन्हैया पांडे नई दिल्ली : भारत चीन सीमा पर विवाद गहराता जा रहा है एक दिन पहले ही चीन की…
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भारत में डेयरी उद्योग और आत्मनिर्भर भारत अभियान
कन्हैया पांडे नई दिल्ली: कहते है भारत की आत्मा गावो में बसती है,और उन्हीं गावो में रहते है किसान।यही किसान…
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भारतीय समाज को भारतीय नजरिये से समझने की एक कोशिश
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-2 स्तम्भ: सामान्यतः लोग समाज परिवर्तन के संदर्भ में राजसत्ता के महत्त्व और उसकी भूमिका के बारे में…
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कोरोना के बाद बदला जा सकता है भारत के ‘ब्रेन ड्रेन’ को ‘ब्रेन रेन’ में
एमसीयू की ‘कुलपति संवाद’ व्याख्यानमाला में ‘’सूचना प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर प्रो. राज नेहरू ने रखे विचार भोपाल…
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दलित वोटरों की ‘पीठ’ पर चढ़़ मुस्लिम तुष्टिकरण की सियासत करती माया और भीम आर्मी
संजय सक्सेना लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दलित वोटर हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहे हैं। दलितों के सहारे कांग्रेस…
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स्त्री मुद्दों को जनांदोलन बनाये मीडिया
‘कुलपति संवाद’ व्याख्यानमाला में ‘मीडिया में स्त्री मुद्दे’ विषय पर प्रो. आशा शुक्ला ने रखे विचार भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी…
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भारतीय समाज की स्थिति: एक विवेचन
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 1 अंग्रेजों को भारत से भगाने की मुहिम के समय बहस चलती थी कि राजनैतिक आजादी पहले…
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समस्याओं से उबरने का विकल्प नहीं आत्महत्या
राम कुमार सिंह स्मृति शेष स्तम्भ: मानव जीवन कि आंतरिक व्यवस्था को समझने वालो का मत हैं कि एक इंसान…
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एक और हाट माननीय विधायकों की
ज्ञानेन्द्र शर्मा प्रसंगवश स्तम्भ: एक बार फिर माननीय विधायकों की तुलाई की तैयारियॉ हो रही हैं। अभी पूरे देश में…
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देश के अधिष्ठान पहचान की विचार यात्रा
के.एन. गोविन्दाचार्य यह सभी को ज्ञात है कि अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने की मुहिम में बहुत प्रकार के लोग,…
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उपनिवेशवाद दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-6 2005-2020, विश्व पटल पर विश्व व्यापार संगठन निस्तेज होने लगा। Trade War के आसार नजर आने लगे।…
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आज की राजनीति में आदर्शवाद ख्वाब है
डॉ.धीरज फुलमती सिंह मुबंई: भारत मे लॉकडाउन में थोड़ी सी ढील मिलते ही भाजपा ने बिहार में चुनाव प्रचार का…
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उपनिवेशवाद दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 5 स्तम्भ: 1945 मे द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ। भारी जनहानि हुई थी। मारक अस्त्रों मे एटम…
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उपनिवेशवाद दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 4 1965 से 80 के कालखंड मे सत्ताबल की परत चढ़ी। 1980 से 95 के बीच बाहुबल…
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चल लौट के आ जा रे मेरे मीत
ज्ञानेन्द्र शर्मा प्रसंगवश स्तम्भ: बुन्देलखण्ड में कहावत है- ‘आन गाॅव की चिपड़ी सें घर की सूखी साजी’ अर्थात् दूसरे गाॅव…
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उपनिवेशवाद दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
भाग 3 के.एन. गोविन्दाचार्य स्तम्भ: अंग्रेजों ने 1750 से 1945 तक भारत की समाजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और सांस्कृतिक, धार्मिक व्यवस्था…
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तेरे हौसले से गजब हो गया
ज्ञानेन्द्र शर्मा प्रसंगवश स्तम्भ: अभी जबकि हम शुरू में पिछड़ जाने के बाद तेजी से कोरोना की रेस में आगे…
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उपनिवेशवाद दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 2 इसी सिलसिले में 1780 से 1802 तक चले Land Resettlement Act और 1860-1890 में जनगणना मे…
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उपनिवेशवाद : दो ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण
भाग 1 के.एन. गोविन्दाचार्य उपनिवेशवाद परिणामतः साम्राज्यवाद की कहानी पिछले लगभग 500 वर्षों की है। 1490 से 1500 के बीच…
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कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य अध्यादेश 2020
कन्हैया पांडे अब किसान अपनी पसंद की जगह बेचेगा अपना उत्पाद नई दिल्ली: कहते हैं असली भारत गांवों में बसता…
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उपनिवेशवाद का इतिहास-कुछ पहलू
के.एन. गोविन्दाचार्य विश्व में ई. 1500 से प्रारंभ हुए उपनिवेशवाद की अमानुषिकता के लक्षण थे : लूट, हथियारवाद, शोषण, अत्याचार,…
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मास्क लगाये लेकिन समझदारी भी बरतें
डॉ.धीरज फुलमती सिंह मुबंई: बुधवार 27 मई को सुबह से एक बडे अस्पताल जाना हुआ। उस अस्पताल में कोरोना मरीजों…
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स्वदेशी, आत्मनिर्भरता की ऐतिहासिक भारतीय पृष्ठभूमि
के.एन. गोविन्दाचार्य स्तम्भ: पिछले दो, ढाई सौ वर्ष पहले भी भारत दुनिया मे आर्थिक दृष्टि से सबसे धनी समाज रहा…
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जवाबदेही की मांग करता अनलॉक
अहमद रज़ा नई दिल्ली: लॉकडाउन के चार फेज़ के बाद अब भारत अनलॉक की तरफ बढ़ रहा है। वर्तमान नियमों…
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