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कोविशील्ड वैक्सीन से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा! अब दवा कंपनी ने जताई सहानुभूति

नई दिल्ली: एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के संभावित दुर्लभ दुष्प्रभावों को लेकर चिंताओं के मद्देनजर, यूके मुख्यालय वाली फार्मास्युटिकल दिग्गज ने मरीजों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है।

एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता का कहना है, “हमारी सहानुभूति उन लोगों के प्रति है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है या स्वास्थ्य समस्याओं की सूचना दी है। रोगी की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और टीके सहित सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए नियामक अधिकारियों के पास स्पष्ट और कड़े मानक हैं।”

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया कि “बहुत ही दुर्लभ मामलों” में, उसका कोविड-19 टीका रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है, लेकिन यूके मीडिया में उद्धृत किए जा रहे अदालती दस्तावेजों के अनुसार, इसका कारण अज्ञात है।

बता दें कि इससे पहले वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालत में स्वीकार किया कि कोविशील्ड जैसे ब्रांड के तहत बेची जाने वाली उसकी कोरोनारोधी वैक्सीन का दुष्प्रभाव हो सकता है। कंपनी ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट को सौंपे दस्तावेज में स्वीकार किया है कि वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने और प्लेटलेट की संख्या घटने संबंधी दुष्प्रभाव का खतरा रहता है।

रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में लंदन हाई कोर्ट को सौंपे दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया कि कोरोना से बचाने के लिए आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ विकसित उसकी वैक्सीन थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का कारण बन सकता है। हालांकि, यह दुष्प्रभाव दुर्लभ मामलों में होता है।

एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बनाती है। इसके साथ ही एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उसकी वैक्सीन के कारण लोगों को मौतें हुई हैं। इस मामले में कंपनी पर ब्रिटेन में केस भी चल रहा है। वकीलों ने कहा कि वे या उनके प्रियजन, जिन्होंने एस्ट्राजेनका टीका लगवाया है, उनमें दुर्लभ लक्षण पाया गया है। वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने और प्लेटलेट की संख्या को घटने संबंधी दुष्प्रभाव हुआ है।

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