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‘त्योहारों के मौसम में ढील ना दें, गाइडलाइंस को लागू करना बेहद जरूरी’- कर्नाटक सरकार से बोली कोविड-19 समिति

कर्नाटक सरकार की तरफ से गठित कोविड -19 तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) ने दोहराया है कि संक्रमण के प्रसार को कम करने और कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को रोकने के लिए दिशानिर्देशों को लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है. सरकार को सौंपी गई नवीनतम टीएसी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर इस महीने के पहले सप्ताह की तरह निम्न स्तर पर चल रही है.

राज्य में चल रही दूसरी लहर के वर्तमान संदर्भ में निम्न स्तर (प्रतिदिन 1,200 से 1,500 मामले), डोर-टू-डोर गतिविधियां और लंबे समय तक चलने वाली बड़ी सार्वजनिक सभाएं सार्स कोव-2 वायरस (SARS CoV-2 Virus) के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट को फैलाने के लिए अनुकूल हैं. रिपोर्ट में अधिकारियों को ये चेतावनी भी दी गई है कि विशेष रूप से इस त्योहारी मौसम के दौरान सावधानी बरतनी होगी.

टीएसी के एक सदस्य ने बताया कि केरल में ओणम के तुरंत बाद संक्रमण में तेजी आई है, जब सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान प्रतिबंधों को कम करने का फैसला किया. साथ ही कहा कि हमारी सरकार को आदर्श रूप से ये सुनिश्चित करते हुए गलती नहीं करनी चाहिए कि दिशानिर्देशों को बिना किसी गैप के लागू किया जाए.

इस बीच कर्नाटक पिछले तीन दिनों से 1,000 से कम नए मामले दर्ज कर रहा है. रविवार को कुल सक्रिय मामले गिरकर 16,656 हो गए थे, जबकि 1 सितंबर को ये 18,412 था. हालांकि टीपीआर लगातार 0.60 और 0.80 फीसदी के बीच बना हुआ है. वहीं टीएसी ने देखा है कि इस महीने राज्य के कई हिस्सों में श्वसन संक्रमण बढ़ रहा है. टीएसी के एक सदस्य ने कहा कि बारिश और ठंड का मौसम ऐसे कारक हैं जो सितंबर के दौरान श्वसन संक्रमण के अधिक मामलों को बढ़ाएंगे. टीकाकरण कराने वालों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ये डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेशन के कारण हो सकता है.

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलुरु, कोलार, बेंगलुरु और मैसूर में नर्सिंग कॉलेजों (और हॉस्टल) और अपार्टमेंट से रिपोर्ट किए गए क्लस्टर भी अक्टूबर-नवंबर के दौरान राज्य में आने वाली तीसरी लहर का संकेत हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च-अप्रैल 2021 में भी ऐसा ही हुआ था, जिसके कारण बाद में कोविड -19 की दूसरी लहर आई.

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