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बिना वर्दी के सैनिक हैं डॉक्टर और चिकित्साकर्मी: मोदी

नयी दिल्ली (एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में डाक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें ऐसे सैनिक करार दिया जो जंग तो लड़ रहे हैं लेकिन फौज की वर्दी में नहीं हैं।

मोदी ने बेंगलुरु के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 25 वें स्थापना दिवस के समारोह में आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि दुनिया दो विश्व युद्धों के बाद सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है और जिस तरह दुनिया में विश्‍व युद्ध से पहले और विश्‍व युद्ध के बाद बदलाव आया, उसी तरह से कोविड से पूर्व और इसके बाद की दुनिया अलग होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ देश की साहसिक लड़ाई का आधार स्तंभ हमारा चिकित्सा समुदाय और हमारे कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है। उन्होंने डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें बिना वर्दी के सैनिकों की उपमा दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस अदृश्य शत्रु हो सकता है लेकिन हमारे कोरोना योद्धा अजेय हैं और अदृश्य बनाम अजेय के खिलाफ लड़ाई में हमारे चिकित्‍सा कार्यकर्ताओं की जीत सुनिश्चित हैं।

मोदी ने अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भीड़ की मानसिकता के कारण होने वाली हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार ने इन्हें रोकने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अग्रिम पंक्ति के उन लोगों को 50 लाख रुपये का बीमा कवर भी प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने वैश्वीकरण के युग में आर्थिक मुद्दों पर बहस के बजाय विकास के मानव केंद्रित पहलुओं पर ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा स्वास्थ्य क्षेत्र में जो राष्‍ट्र उन्नति करते हैं उसके अब कहीं अधिक मायने होंगे और सरकार ने पिछले 6 वर्षों में स्वास्थ्य-देखभाल और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक पहल की है। उन्होंने ने स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए समन्वित, विस्‍तृत दृष्टिकोण अपनाने और सभी लोगों तक इसकी पहुंच वाली रणनीति अपनाने का आह्वान किया।

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