छत्तीसगढ़ सरकार के निर्यात संवर्धन के प्रयासों से राज्य से होने वाले निर्यात में लगभग पौने तीन गुना की बढ़ोतरी
रायपुर: राज्य सरकार की नवीन औद्योगिक नीति वर्ष 2019-24 में निर्यात संवर्धन के किए गए प्रावधानों से पिछले तीन वर्षो में राज्य से होने वाले निर्यात के आकार में लगभग पौने तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 में राज्य से कुल 9067.92 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ था, जबकि वर्ष 2021-22 में 25241.13 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है। वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2021-22 में आयरन एवं स्टील के निर्यात में लगभग साढ़े सात गुना, चावल के निर्यात में 4.68 गुना तथा एल्यूमिनियम तथा एल्यूमिनियम के उत्पादों के निर्यात में लगभग दो गुना वृद्धि दर्ज की गई।
गौरतलब है कि राज्य की वर्ष 2019-24 की औद्योगिक नीति में अनेक उद्योग हितैषी प्रावधान किए गए हैं। उद्योगों के लिए ईज आॅफ डूईंग बिजनेस, सिंगल विंडो प्रणाली के साथ अनेक रियायतें दी गई हैं। राज्य से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को करों में विशेष रियायत देने, निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के इकाई स्तर से निकटतम बंदरगाह तक परिवहन लागत पर अनुदान का प्रावधान किया गया है। राज्य की औद्योगिक नीति में निर्यात संवर्धन के प्रावधानों से पिछले तीन वर्षाे में वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 के मध्य राज्य के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य से वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 9067.92 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है, जिसमें मुख्य उत्पाद चावल में 1827.01 करोड़ रूपए, आयरन एवं स्टील में 981.12 करोड़ रूपए एवं एल्यूमिनियम, एल्यूमिनियम के उत्पाद में 3072.03 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 17199.97 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है, जिसमें मुख्य उत्पाद चावल 5487.16 करोड़ रूपए, आयरन एवं स्टील में से 3423.06 करोड़ रूपए एवं एल्यूमिनियम, एल्यूमिनियम के उत्पाद में 3159.76 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी राज्य से होने वाले निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 25241.13 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है, जिसमें मुख्य उत्पाद चावल 8559.12 करोड़ रूपए, आयरन एवं स्टील में 7386.13 करोड़ रूपए एवं एल्यूमिनियम, एल्यूमिनियम के उत्पाद में 6026.48 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ है।
नियार्तोन्मुखी उद्योगों को परिवहन अनुदान दिए जाने के प्रावधान के तहत उत्पाद के निर्माण स्थान से निर्यात स्थान तक वास्तविक भाड़ा के बराबर सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक नीति के अनुसार सहायता की अधिकतम सीमा 30 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी, जो औद्योगिक नीति 2019-24 की समयावधि तक मिलेगी। इसके साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा राज्य में निर्यात हेतु उत्पादों के चयन एवं उनकी गुणवत्ता निर्धारण के लिए भी आवश्यक कदम उठाने के साथ निर्यात संवर्धन हेतु राष्ट्रीय स्तर की अन्य संस्थाओं के साथ समन्वय का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे राज्य में निर्यात संवर्धन के प्रयासो को अच्छी सफलता मिल रही है।
पिछले तीन वर्षो में चावल, आयरन एवं स्टील तथा एल्यूमिनियम एवं एल्यूमिनियम के उत्पादों के निर्यात में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। चावल के निर्यात में लगभग 4.68 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ से 1827.01 करोड़ रूपए के चावल का निर्यात हुआ था। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 5487.16 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2021-22 में 8559.12 करोड़ रूपए के चावल का निर्यात हुआ।
आयरन एवं स्टील उत्पादों के निर्यात में तीन वर्षो में लगभग साढ़े सात गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में 981.12 करोड़ रूपए के आयरन एवं स्टील उत्पादों का निर्यात हुआ था। वर्ष 2020-21 में इसमें लगभग तीन गुना वृद्धि हुई। वर्ष 2020-21 में 3423.06 करोड़ रूपए के आयरन एवं स्टील का निर्यात हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में वर्ष 2020-21 की तुलना में दो गुना से ज्यादा वृद्धि हुई। वर्ष 2021-22 में 7386.13 करोड़ रूपए के आयरन एवं स्टील उत्पादों का निर्यात हुआ।
इसी तरह एल्यूमिनियम एवं एल्यूमिनियम के उत्पादों के निर्यात में तीन वर्षो में लगभग दो गुना वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 में 3072.03 करोड़ रूपए के एल्यूमिनियम के उत्पादों का निर्यात हुआ था। वर्ष 2020-21 में 3159.76 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2021-22 में 6026.48 करोड़ रूपए का निर्यात हुआ।