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पालम एयरपोर्ट पर तिरंगे में लिपटे ताबूत देख हर शख्स की भर आईं आंखें

नई दिल्ली। तिरंगे में लिपटे ताबूतों में 13 पार्थिव शरीर गुरुवार रात को जब पालम एयरपोर्ट पर उतारे गए तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नाम हो गईं। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में मारे गए भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 कर्मियों के पार्थिव शरीर को भारतीय वायुसेना के विमान सी-130जे हरक्युलिस से दिल्ली लाया गया है। जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने के लिए तीनों सेना प्रमुखों के अलावा वरिष्ठ सैन्य अफसर एयरपोर्ट पर मौजूद थे।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की बुधवार दोपहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान चली गई। इन सभी को आज वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सभी 13 पार्थिव शरीर तमिलनाडु में नीलगिरी जिले के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर में रखे गए। आज सुबह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और सैन्य कर्मियों ने कुन्नूर में सभी मृतकों को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद भारतीय तिरंगे में लिपटे ताबूतों में पार्थिव शरीर नीलगिरी जिले के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर से सजे-धजे सैन्य ट्रकों में सुलूर एयरबेस के लिए रवाना हुए।

नीलगिरी के मद्रास रेजिमेंट सेंटर से सुलूर एयरबेस ले जाते वक्त बिपिन रावत और अन्य सभी के अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने न सिर्फ फूल बरसाए, बल्कि इस दौरान भारत माता के नारे भी लगाए। यहां से वायुसेना के विमान सी-130जे हरक्युलिस ने सीडीएस रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, सीडीएस के पीएसओ ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जूनियर वारंट ऑफिसर अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय के पार्थिव शरीर लेकर आज शाम 4 बजे के करीब दिल्ली के लिए उड़ान भरी।

करीब चार घंटे बाद सी-130जे गुरुवार रात को जब पालम एयरपोर्ट पर उतरा तो वहां मौजूद तीनों सेना अध्यक्षों के साथ सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सीडीएस जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और अन्य 11 सैन्य अधिकारियों के पार्थिव शरीर की अगवानी करते समय सभी की आंखें भर आईं। सीडीएस की पत्नी मधुलिका रावत रक्षा पत्नी कल्याण संघ की अध्यक्ष भी थीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज ही दिन में संसद को जानकारी दी थी कि भारत के पहले सीडीएस का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में मारे गए अन्य कर्मियों का भी उचित सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अब तक केवल तीन पार्थिव शरीरों की पहचान हो पाई है जिनमें जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर हैं। इसलिए उनके पार्थिव शरीर अंतिम धार्मिक संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। दरअसल, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए अन्य अधिकारियों और कर्मियों के शव इस कदर झुलसे हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल है, इसलिए बाकी शवों की पहचान डीएनए जांच से होगी और इसके बाद ही उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे। इस हादसे में इकलौते बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत अभी भी गंभीर है। उन्हें आज ही एक वाहन एम्बुलेंस (सड़क मार्ग से) से सुलूर ले जाया गया है ताकि आगे कमांड अस्पताल, बेंगलुरु ले जाया जा सके।

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