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त्‍योहारों पर सरकार ने सस्‍ती कीमत पर दाल और प्‍याज मुहैया कराने की घोषणा

नई दिल्‍ली : दिवाली का त्‍योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है सरकार की ओर से सौगातों की बारिश भी बढ़ती जा रही. पहले डीए फिर बोनस और अब उपभोक्‍ताओं को सस्‍ता भोजन कराने की तैयारी में है. महंगाई से त्रस्‍त जनता को त्‍योहारों पर राहत दिलाने के लिए सरकार ने सस्‍ती कीमत पर दाल और प्‍याज मुहैया कराने की घोषणा की है.

उपभोक्‍ता मंत्रालय ने बताया कि दिवाली पर खाने-पीने की चीजों के दाम कंट्रोल में रखने की सभी कोशिशें जा रही हैं. सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्‍यों को बेहद कम कीमत पर दाल मुहैया कराने की घोषणा की है. मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने दालों की कीमत में 8 रुपये कटौती की है और इस भाव से राज्‍यों को दाल मुहैया करा रही है, ताकि उपभोक्‍ताओं तक सस्‍ता अनाज पहुंचाया जा सके और त्‍योहारों पर बाजार में दाल की किल्‍लत न होने पाए.

इसके अलावा सरकार प्‍याज की कीमतों को भी नियंत्रण में रखने के कदम उठा रही है. उपभोक्‍ता मंत्रालय के अनुसार, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि त्‍योहारों पर बाजार में प्‍याज की किल्‍लत न होने पाए. इसके लिए बफर स्‍टॉक से प्‍याज मुहैया कराए जाएंगे.

सरकार के पास अभी करीब 43 टन दाल का स्‍टॉक है. त्‍योहारों से पहले ही सरकार ने राज्‍यों को सस्‍ती दरों पर दाल उपलब्‍ध करा दी थी. केंद्र सरकार अब तक राज्यों को 88,000 टन दाल उपलब्ध करा चुकी है. सरकार का मानना है कि दिवाली पर दाम नहीं बढ़ेंगे इसकी पूरी तैयारी की है. इससे पहले सरकार ने किसानों को दालों की उचित कीमत दिलाने के लिए उसका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य भी बढ़ाया था. इसके तहत मसूर दाल की एमएसपी 500 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ा दी. इसके बाद मसूर की एमएसपी 5,500 रुपये बढ़कर 6 हजार रुपये हो गई.

भारत अभी अपनी उपभोक्‍ता जरूरतें पूरी करने के लिए दालों का आयात करता है. उपभोक्‍ता मंत्रालय के मुताबिक, वित्‍तवर्ष 2022 से 2026 तक देश में हर साल 2.5 लाख टन उड़क और 1 लाख टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा. यह खेप म्‍यांमार से आएगी. इसके अलावा दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी देश मलावी से भी अगले पांच साल में 50 हजार टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा और मोजाम्बिक से सरकार 2026 तक प्राइवेट ट्रेड के जरिये 2 लाख टन अरहर दाल का आयात करेगी.

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