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आदिवासी बच्ची से गैंगरेप केस में कोर्ट ने सुनाया फैसला, 3 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

श्योपुर: मध्य प्रदेश के श्योपुर के बहुचर्चित आदिवासी नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 3 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप मित्तल की कोर्ट ने अपराधियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

विशेष लोक अभियोजक बीके शर्मा ने बताया कि बीते वर्ष 17 मार्च को काली तलाई के जंगल में तीन अपराधियों ने एक आदिवासी नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। घटना सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रख देहात थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर अपराधियों को गिरफ्तार कर विवेचना के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। जिला प्रशासन ने मामले की पैरवी के लिए मुझे जिम्मेदारी सौपी।

जिला न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनते हुए गवाहों के बयानों एवं सबूतों के आधार पर तीन आरोपीगण रियाज, शहबाज एवं मोहसिन को दोषी पाते हुए धारा 376 डी के तहत आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया है। विशेष लोक अभियोजक का यह भी कहना है कि अपराधियों को फांसी देने की सजा दिए जाने की गुहार लगाई गई थी, जिस पर से अपराधियों को जीवन की अंतिम सांस तक कारावास दिया गया है।

यहां बता दें कि इस घटना के पश्चात् क्षेत्र में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया था तथा लोग उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपराधियों के अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाने की मांग करने लगे थे। तत्पश्चात, सरकार से हरीझंडी मिलने के पश्चात् 20 मार्च 2022 को पुलिस प्रशासन ने सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम देने वाले तीनों अपराधियों के अवैध मकानों और जमीनों पर बुलडोजर चलाकर बड़ी कार्रवाई भी की थी।

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