लखनऊ में हुई प्रेस कांफ्रेंस में बोला चुनाव आयोग- ‘ओमिक्रॉन’ के साए में सभी दल कर रहे समय पर ‘चुनाव’ की मांग
लखनऊ: दोपहर कि बड़ी खबर के अनुसार आज यानी गुरुवार को चुनाव आयोग (Election Commission) एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) कर रहा है। इसमें प्रमुख रूप से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Vidhsabha Elections) पर बात कि है। इस बाबत चुनाव आयोग ने बताया कि सभी दलों ने उनसे समय पर ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है।
आज लखनऊ में हुई चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशील चंद्रा ने उन सुझावों के बारे में भी सबको बताया है, जो राजनीतिक दलों की तरफ से अब तक उनको मिले हैं।
क्या-क्या कहा चुनाव आयोग ने
आज चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दल इस बार समय पर चुनाव चाहते हैं। कुछ राजनीतिक दल ज्यादा रैलियों के खिलाफ हैं। वहीं अब राज्य में फाइनल वोटर लिस्ट 5 जनवरी के बाद आएगी। इसका मतलब है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान भी आगामी 5 जनवरी के बाद ही होगा।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने वोटिंग टाइम भी एक घंटा बढ़ाने का ऐलान किया। अब मतदान के दिन सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा।
वहीं आज आयोग ने यह भी कहा कि पार्टियां घनी आबादी वाले इलाकों में बूथ बनाने के खिलाफ हैं। रैलियों में कोविड के नियमों को लेकर भी चिंता हैं। साथ ही राजनीतिक पार्टियों से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी बात हुई है। चुनाव आयोग का कहना था कि UP में इस बार 52% नए वोटर हैं। फाइनल वोटर लिस्ट 5 जनवरी को आएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार सभी वोटिंग बूथ पर VVPAT मशीनें लगाई जाएंगी। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए करीब 1 लाख वोटिंग बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग की भी जरुरी सुविधा उपलब्ध होगी।
चुनाव आयोग के अनुसार अब राज्य में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है। अंतिम प्रकाशन के बाद ही इसमें मतदाता के वास्तविक आंकड़े आएंगे। अंतिम प्रकाशन के बाद भी अगर किसी का नाम ना आए तो वो अपना क्लेम कर सकते हैं।
SSR 2022 के अनुसार इस बार अबतक 52.8 लाख नए मतदाताओं को भी लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। इसमें 18-19 आयु वर्ग के 19.89 लाख मतदाता हैं।
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के अनुसार, साल 2017 के UPविधानसभा चुनावों में 61% मतदान हुआ था। वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 59 % वोट पड़े थे। लेकिन यह चिंता की बात है कि UP में जहां राजनीतिक जागरूकता इतनी अधिक है, वहां इतनी कम वोटिंग क्यों हो रही है।
यह भी बताया गया कि चुनाव आयोग अब रैलियों में नफरती भाषण व रैलियों में हो रही भीड़ पर भी कुछ दलों ने चिंता जताई है। साथ ही पोलिंग बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला बूथकर्मी की भी जरुरी मांग की गई है।
इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 80 साल से अधिक मतदाताओं को, दिव्यांगजनों को और कोविड पेशेंट का वोट चुनाव आयोग की टीम घर जाकर वोटकराएगी। ऐसा पहली बार होगा कि ये सुविधा दी जायेगी।
पहले जहाँ 1500 लोगों पर एक बूथ होता था लेकिन इस बार 1250 मतदाता ही एक बूथ पर जाएंगे। इस तरह अबकी बार 11000 मतदान केंद्र बढ़ गए हैं। ऐसे में अब अब 1,74,351 मतदान स्थल बनाये गए हैं।
इसके साफ़ माने हुए कि, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से इस चुनाव को किसी हाल टाला नहीं जाएगा। पता हो कि अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर शामिल है।