अन्तर्राष्ट्रीय

बाग्लादेश के नरेल जिले मे हिंदुओं को निशाना बनाने की घटना आई सामने

नई दिल्ली: दुनिया के अलग अलग देशों में रहने वाले हिंदुओं के साथ किस किस तरह के अत्याचार होते रहे हैं , इसका सबूत समय समय पर मिलता रहा है। ताजा घटना बांग्लादेश की है। यहां नरेल जिले में कुछ लोगों ने हिन्दू मंदिरों और दुकानों को नष्ट किया है। वहां हिंसक तोड़ फोड़ की है। जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है वो आकाश शाह नाम के व्यक्ति द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर फेसबुक पर की गई पोस्ट पर गुस्सा थे जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने मंदिर सहित हिंदुओं की दुकानों को भी निशाना बनाया। इधर आकाश शाह को पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है।

बांग्लादेश में प्रमुख रूप से आज भी 5 मत्वपूर्ण शक्तिपीठ विद्यमान जो हिंदूओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

 – श्रीशैल- महालक्ष्मी : बांग्लादेश के सिल्हट जिले के उत्तर-पूर्व में जैनपुर गांव के पास शैल नामक स्थान पर माता का गला (ग्रीवा) गिरा था। इसकी शक्ति है महालक्ष्मी और भैरव को शम्बरानंद कहते हैं।

 – करतोयातट- अपर्णा : बांग्लादेश के शेरपुर बागुरा स्टेशन से 28 किमी दूर भवानीपुर गांव के पार करतोया तट स्थान पर माता की पायल (तल्प) गिरी थी। इसकी शक्ति है अर्पण और भैरव को वामन कहते हैं।

 – यशोर- यशोरेश्वरी : बांग्लादेश के खुलना जिला के ईश्वरीपुर के यशोर स्थान पर माता के हाथ और पैर गिरे (पाणिपद्म) थे। इसकी शक्ति है यशोरेश्वरी और भैरव को चण्ड कहते हैं।

 – चट्टल- भवानी : बांग्लादेश में चिट्टागौंग (चटगांव) जिला के सीताकुंड स्टेशन के निकट चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर छत्राल (चट्टल या चहल) में माता की दायीं भुजा गिरी थी। इसकी शक्ति भवानी है और भैरव को चंद्रशेखर कहते हैं।

 – जयंती- जयंती : बांग्लादेश के सिल्हैट जिले के जयंतीया परगना के भोरभोग गांव कालाजोर के खासी पर्वत पर जयंती मंदिर जहां माता की बायीं जंघा गिरी थी। इसकी शक्ति है जयंती और भैरव को क्रमदीश्वर कहते हैं।

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