दूध और उससे बने प्रोडक्ट्स हमारे लिए फायदेमंद है या नुकसान दायक
दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स हमेशा से शाकाहारी लोगों के लिए कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माने जाते हैं, लेकिन इन्हीं प्रोडक्ट्स को लेकर लम्बे समय से एक और बहस चली आ रही है। आज हम इसी के कुछ पहलुओं पर बात करेंगे। डेरी प्रोडक्ट्स को वैसे तो हड्डियों के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन कई लोगों का ऐसा मानना है कि यह हानिकारक होते हैं और इनका सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, सभी डेरी प्रोडक्ट्स एक जैसे नहीं होते। इसमें इन बातों का बहुत फर्क पड़ता है कि पशु का भोजन और लालन-पालन किस तरह किया गया है। इस पोस्ट में हम जानने कि कोशिश करेंगे की डेरी प्रोडक्ट्स हमारी सेहत के लिए अच्छे होते हैं या नहीं?
डेरी प्रोडक्ट्स को लेकर क्या है अन्य अवधारणा?
डेरी प्रोडक्ट्स को लेकर यह अवधारणा लोगों के बीच अब आम हो रही है कि इनका सेवन करना नेचुरल नहीं है। एक मनुष्य ही ऐसी प्रजाति है जो बड़े होने के बाद भी दूध का सेवन करते हैं और यही नहीं, मनुष्य ही हैं जो अपनी मां के दूध के अलावा दूसरे पशुओं के दूध का भी सेवन करते हैं।
जैविक रूप से गाय का दूध सिर्फ बछड़े की ग्रोथ के लिए होता है। कृषि क्रांति से पहले मनुष्य सिर्फ अपनी मां का दूध पिया करते थे। ग्रोथ के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जाए तो एडल्ट होने के बाद मनुष्य को ग्रोथ की आवश्यकता नहीं होती। इसी के साथ कुछ ऐसी भी संस्कृति रही हैं, जो हजारों सालों से दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन करती आई हैं, इसलिए अब उनके लिए यह नेचुरल है|
दुनिया के अधिकतर लोग लैक्टोस इन्टॉलरेंट हैं
इसका मतलब यह है कि डेरी में मौजूद मुख्य कार्बोहायड्रेट लैक्टोस होता है। यह मिल्क शुगर है, जो ग्लूकोस और गैलक्टोस से बनता है। जब आप बच्चे होते हैं तो लैक्टोस को तोड़ पाते हैं, लेकिन बड़े होने पर अधिकतर लोगों के शरीर में यह करने की क्षमता नहीं रहती। बता दें, दुनिया की 75 प्रतिशत जनसंख्या लैक्टोस तोड़ नहीं पाती, जिसे लैक्टोस इन्टॉलरेंट कहा जाता है। दुनिया भर में 4 में से 3 लोग लैक्टोस इन्टॉलरेंट होते हैं।