देहरादून (निहाल): जमरानी बांध परियोजना को भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। वही, सीएम धामी ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना को दो दिन पहले भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी में स्वीकृति प्रदान की है। हालांकि, लंबे समय से लटकी इस परियोजना को मंजूरी मिलने से लोगो को काफी फायदा पहुंचेगा। क्योंकि इससे पेयजल की न सिर्फ समस्या समाप्त होगी बल्कि किसानों को सिंचाई का लाभ भी मिलेगा। हालांकि, यह योजना 1975 से स्वीकृति के चलते अटकी हुई थी। इस परियोजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय समेत पीएम से भी अनुरोध किया था। जिसके चलते इस योजना की राह खुल गई है।
सीएम ने धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम, जल शक्ति मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, सांसद, विधायको का बड़ा योगदान रहा है। वहीं, जमरानी बांध परियोजना निर्माण की कुल लागत में से 90 फीसदी हिस्से के रूप में भारत सरकार की ओर से 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पीएमकेएसवाई के तहत दिया जाएगा। जबकि, 10 फीसदी हिस्सा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए एमओयू के अनुसार वहन किया जाएगा। जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने के लिए वन भूमि (स्टेज 2) अंतिम स्वीकृति केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनवरी 2023 में दी थी।
इस परियोजना के तहत हर साल 42 एमसीएम पेयजल की सुविधा मिलेगी। जमरानी बांध परियोजना से जनपद नैनीताल के 196 गांव एवं उधमसिंह नगर के 172 गांवों में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध मिलेगा। इसके साथ ही परियोजना से 63.4 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष विद्युत का उत्पादन होगा, या ये कहें कि 14 मेगा वॉट प्रतिदिन बिजली पैदा होगी। बांध की ऊंचाई नदी की सतह से 130.60 मीटर होगी। साथ ही बांध में जलधारण की क्षमता 208.6 मिलियन घन मीटर है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। जमरानी बांध परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को 300.5 एकड भूमि प्रयाग फार्म, उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है. प्रभावित परिवारों को भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया गतिमान है।
साथ ही पीएम जब भी उत्तराखंड आते है तो उनका उत्तराखंड आना उत्तराखंड वासियों के लिए एक उत्सव जैसा होता है। क्योंकि पीएम के हालही में हुए दौरे के दौरान बड़ी योजनाओं को मंजूरी मिली। साथ ही सीएम ने कहा कि 2 दिसंबर 2021 को जब पीएम उत्तराखंड आए थे, उस दौरान लखवाड़ योजना के लिए अनुरोध किया था। जिसके बाद 30 दिसंबर की इस परियोजना को भी मंजूरी मिल गई थी। सीएम ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में तमाम परियोजनाएं जो लटकी हुई थी, उनको मंजूरी मिली है। साथ ही हल्द्वानी शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में बनाने के लिए 1600 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। हेमकुंड साहिब, केदारनाथ रोपवे का काम भी जल्द शुरू हो जायेगा।