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NIA ने तोड़ दी अलगाववादियों की कमर, कंगाली की कगार पर पहुंचे

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए अलगाववादी नेताओं द्वारा कथित तौर पर आतंकवादियों से पैसे लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने शिकंजा कस दिया है। अलगाववादियों को आर्थिक रूप से पंगु बनाने के लिए एन.आई.ए. ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। अपने इसी काम को अंजाम देने के लिए एन.आई.ए. ने अपने छापामारी अभियान को रविवार को भी जारी रखा। जानकारी के अनुसार एन.आई.ए. की छापेमारी से अलगाववादी कंगाल हो गए हैं। एन.आई.ए. ने एक दिन में ही अलगाववादियों के 29 ठिकानों पर छापे मारे। इन छापों में करीब 2 करोड़ रुपए ज्वैलरी के अलावा आतंकी संगठनों के लैटरहैड, पैन ड्राइव्स, लैपटॉप और बहीखाते भी बरामद किए गए हैं।

पहली बार हुई इतनी व्यापक छापेमारी 
घाटी में नब्बे के दशक में आतंकवाद बढ़ने के बाद यह पहला मौका है जब केंद्रीय एजैंसी ने इतने बड़े पैमाने पर टैरर फंडिंग को लेकर ऐसी छापेमारी की है।

2002 में भी ली तलाशी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
इससे पहले 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के यहां तलाशी ली थी जिसमें नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए थे, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इन लोगों के ठिकानों पर हुई छापेमारी
घाटी में एन.आई.ए. ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है उनमें कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ, कारोबारी जहूर वटाली, मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले अवामी एक्शन कमेटी के नेता शाहिद उल इस्लाम तथा हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जे.के.एल.एफ. के दूसरे श्रेणी के कुछ नेता शामिल हैं।

हाफिज सईद से भी लेते हैं पैसा
आरोप है कि अलगाववादी नेता घाटी में पथराव, सुरक्षा बलों पर हमले, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने तथा स्कूल और अन्य सरकारी इमारतों को जलाने के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तोएबा के मुखिया हाफिज सईद से पैसे लेते हैं।

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