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अब केदारनाथ धाम में श्रद्धालु गर्भगृह में कर सकेंगे प्रवेश

देहरादून : केदारनाथ धाम में श्रद्धालु अब गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे। अब तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया की इस वर्ष मई और जून में गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

ये प्रतिबंध रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण लगाया गया था। प्रतिबंध के कारण श्रद्धालु सभा मंडप से ही बाबा केदार के दर्शन कर रहे थे। अब संख्या कम होने के बाद श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना कर सकेंगे। बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए मंदिर में दर्शनों के समय में भी बदलाव किया गया है।

अब श्री केदारनाथ मंदिर में सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं। अपराह्न तीन बजे से पौने पांच बजे तक भोग, पूजा व सफाई के लिए कपाट बंद रहेंगे। शाम को श्रृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे दोबारा कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसी तरह श्री बदरीनाथ धाम में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से संपन्न हो रही है।

इस दौरान भी तीर्थयात्री धर्मदर्शन कर रहे हैं। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद हो रहे हैं। अभी तक 901081 श्रद्धालु श्री बदरीनाथ धाम और 831600 श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम में दर्शन कर चुके हैं। दोनों धामों में 1732681 श्रद्धालु दर्शन कर चुके है।

भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा में लगातार कमी आने लगी है। एक ओर सड़कों में मुश्किलें पेश करनी पड़ रही है वहीं पहाड़ों पर बरसात में संभावित खतरों को देखते हुए यात्रा में कमी आने लगी है। गुरुवार को केदारनाथ धाम में इस सीजन में सबसे कम यात्रियों ने दर्शन किए। गुरुवार को केदारनाथ में महज 4345 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। यह संख्या इस सीजन की सबसे कम संख्या है। वहीं केदारनाथ में अब तक कुल 831600 तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं।

देहरादून, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय जिलों के लिए विशेषकर बहुत भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि जिलों के लिए अलर्ट है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि पर्वतीय जिलों में यात्रा करते वक्त विशेषतौर से सावधानी बरतें। भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से कई जिलों में यातायात भी ठप है। विभाग द्वारा बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम के चलते परेशानी हो रही है।

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