भारत को तेवर दिखाने की कीमत चुका रहे पाकिस्तानी, एक कप चाय हुई इतनी महंगी
पाकिस्तान में कमरतोड़ महंगाई के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है. पिछले एक साल में पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई देखने को मिली है. महज शहरों में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के गांवों में भी रोजमर्रा की चीजों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आलम ये है कि पाकिस्तान के लोगों के लिए चाय का स्वाद फीका पड़ चुका है. अगर पाकिस्तान चाहता तो उसे भारत से सस्ते में चीनी मिल जाती लेकिन उसने इसी साल भारत से आयात करने से इनकार कर दिया था.
पाकिस्तान के सुपरस्टार गेंदबाज शोएब अख्तर के शहर रावलपिंडी में चाय ने लोगों का स्वाद बिगाड़ दिया है. यहां एक कप चाय की कीमत 40 रूपए हो चुकी है. पाकिस्तान के अखबार डॉन के साथ बातचीत में एक चायवाले ने कहा कि पहले एक कप चाय की कीमत 30 रूपए थी जो अब बढ़कर 40 रूपए हो चुकी है. हाल ही में चाय के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है. चायपत्ती, टी बैग्स, दूध, चीनी और गैस के दामों में बढ़ोतरी के चलते पिछले कुछ समय में चाय की कीमत में 35 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
इस शख्स का कहना था कि दूध के दाम 105 से बढ़कर 120 रूपए प्रति लीटर हो चुके हैं. इसके अलावा चायपत्ती की कीमत 800 से 900 रूपए और गैस सिलेंडर के दाम 1500 से 3000 हजार रुपए तक जा चुके हैं. इस चायवाले का कहना था कि उसकी कमाई बुरी तरह प्रभावित हुई है और उसके पास चाय के दाम बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था. वही अब्दुल अजीज नाम के एक और चायवाले ने कहा कि मेरी एक दिन की टोटल कमाई 2600 रूपए थी लेकिन जब मैंने अपना पूरा मुनाफा जोड़ा तो मैं सिर्फ 15 रूपए फायदे में था. इससे मेरा बिल्कुल गुजारा नहीं हो पा रहा था. इसलिए ही मैंने चाय के दामों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि चाय के दामों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर छोटे टी शॉप बिजनेस पर पड़ा है क्योंकि चाय की कीमत बढ़ने से कई रेग्युलर कस्टमर्स ने चार या तीन कप की जगह तीन या दो कप पीना शुरू कर दिया है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो महंगाई से परेशान होकर पूरी तरह से चाय छोड़ने का प्लान कर रहे हैं.
बता दें कि पाकिस्तानी सरकार की जिद के चलते भी इस देश की आवाम को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुछ समय पहले ही ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है. इस चीनी के लिए पाकिस्तान ने लगभग 110 रूपए प्रति किलो का भुगतान किया है. वहीं, पिछले साल जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए प्रति किलो थी. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी.
बता दें कि पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल महीने में भारत से चीनी के आयात के लिए इनकार कर दिया था. पाकिस्तान का कहना था कि भारत जब तक कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल नहीं करता है तब तक पाकिस्तान चीनी और गेहूं जैसे जरूरी सामानों के इंपोर्ट के लिए भारत को मंजूरी नहीं दे सकता है. साल 2018 में रिलीज हुई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान अगर वीजा की कठिन पॉलिसी, हाई टैरिफ और जटिल प्रक्रियाओं को दूर कर लेते हैं तो भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2 अरब डॉलर्स से बढ़कर 37 अरब डॉलर्स तक जा सकता है.