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PM मोदी ने दिया कांग्रेस के 55 साल के ‘सत्ताभोग’ और अपनी सरकार के 55 माह के ‘सेवाभाव’ का ब्योरा दिया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में देश के मतदाताओं के सामने कांग्रेस के 55 साल के सत्ताभोग और उनकी सरकार के 55 महीने के सेवाभाव का कार्यकाल है, जिसके आधार पर जनता मूल्यांकन करेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने 55 महीने के कार्यकाल में देश की जनता की आशाओं और सपनों को साकार करने का हरसंभव प्रयास किया है।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार रहित ऐसी शासन प्रणाली कायम हुई है जिसमें भ्रष्ट लोगों, चोरों और लुटेरों को डरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को डराने के लिए ही वह सत्ता में आए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर कांग्रेस और विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘उल्टा चोर, चौकीदार को डांटे’ जैसा है। लोकतंत्र का गला घोंटने वाले और संस्थाओं को तबाह करने वाले लोग उन पर लोकतंत्र और संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं।

मोदी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वह देश की सेना, न्यायपालिका, चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं पर प्रहार कर रहे हैं जिससे देश-विदेश में देश की लोकतांत्रिक प्रणाली की छवि धूमिल हो रही है। मोदी ने उनके खिलाफ विपक्षी दलों के प्रस्तावित महागठबंधन को ‘महामिलावट’ करार देते हुए कहा कि महागठबंधन के संभावित घटक भी कांग्रेस की भ्रष्ट संस्कृति का शिकार बन रहे हैं। कांग्रेस और उसके साथी दलों के ये नेता थोक में ‘बेल’ पर हैं।

मोदी ने इतिहास के बारे में कांग्रेस पार्टी की समझ का उपहास करते हुए कहा कि उस पार्टी के लिए इतिहास के दो कालखंड हैं। कांग्रेस पूर्व का भारत और नेहरू-गांधी परिवार के बाद का भारत। इसी परिवार ने देश में 55 साल तक सत्ताभोग किया और देश को बदहाली की हालत में पहुंचा दिया। 55 साल बनाम 55 महीने के कालखंड का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि देश में शौचालय निर्माण, गरीबों के लिए आवास निर्माण, गरीबों के बैंक खाता खुलवाने, ग्रामीण विद्युतीकरण और रोजगार सृजन के मामले में उनकी सरकार ने कई गुना अधिक काम किया। संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन के आंकड़े पेश करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 55 महीनों में करोड़ों की संख्या में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। कांग्रेस सरकारों ने जिन योजनाओं को शुरू करके अधर में छोड़ दिया था उन्हें उनकी सरकार ने पूरा किया।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर देश की रक्षा सेनाओं की जरूरतों को अनदेखा करने तथा सेना की निष्ठा पर सवाल खड़ा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी सरकार के कार्यकाल में यह भ्रामक प्रचार किया था कि देश की सेना तख्तापलट करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सेना की निष्ठा और कर्तव्यपरायणता पर कांग्रेस ने आरोप लगाने का पाप किया। राफेल युद्धक विमान के संबंध में विपक्ष के आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह यह सोचते हैं कि कांग्रेस नेता इतने आत्मविश्वास के साथ झूठ कैसे बोल पा रहे हैं। इसका कारण बताते हुए मोदी ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस नेताओं का यह सोचना है कि उनके 55 साल के कार्यकाल में बिना दलाली लिए कोई रक्षा समझौता नहीं हुआ, ऐसे में मोदी सरकार ने एक पारदर्शी रक्षा सौदा कैसे कर लिया।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह इस पार्टी पर यह गंभीर आरोप लगाना चाहते हैं कि वह देश की सेना के खिलाफ खड़ी है। इस पार्टी ने सैनिकों को आधुनिक हथियार और उपकरण व अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध नही कराई। देश की सेना को निहत्था बना दिया गया, जवानों को बुलेट प्रूफ जैकेट और आधुनिक जूते भी मुहैया कराए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपराधिक लापरवाही की दोषी है।

आर्थिक अपराधों के दोषी लोगों के विदेश भागने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसे कड़े कानून बनाए हैं, जिनसे इन भगोड़ों की संपत्ति जब्त की जा रही है। ये आर्थिक अपराधी ट्विटर पर अपना दुखड़ा रो रहे हैं कि उन पर कर्ज की जितनी देनदारी थी, उससे अधिक की संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली है। मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कई कविताओं को उद्धृत किया, जिनमें समाज और राजनीति पर सटीक टिप्पणी की गई। उन्होंने विपक्ष का आह्वान किया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में स्वस्थ स्पर्धा की भावना से उतरें। चुनाव आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बारे में संदेह पैदा करने से बाज आएं। कोलकाता में विपक्षी नेताओं के जमघट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन वास्तव में महामिलावट है तथा देश की जनता कभी मिलावट की सरकार को स्वीकार नही करेगी।

देश की राजनीति में विदेशी धन के उपयोग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विदेशी धन से चलने वाले स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) की नकेल कसी है, जिसके कारण 20 हजार से अधिक ऐसी संस्थाओं को अपनी दुकाने बंद करनी पड़ीं हैं। ये संस्थाएं सीमा क्षेत्रों, संसद के गलियारों और न्यायपालिका के इर्दगिर्द अपनी गतिविधियां चलाती थी और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाती थी। इस संबंध में उन्होंने नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस परियोजना का शिलान्यास आधा सदी पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था, जिसका लोकार्पण उन्होंने हाल ही में किया है। मोदी ने युवा मतदाताओं सहित देश की जनता को भरोसा दिलाया कि वह उनकी आशाओं और अपेक्षाओं के सूरज को कभी डूबने नहीं देंगे। करीब 90 मिनट से ज्यादा के अपने संबोधन का अंत मोदी ने एक कविता से किया ‘सूरज आएगा भी तो कहां, उसे यहीं रहना होगा। यहीं हमारी सांसों में, हमारी रगों में संकल्पों में रतजगों में, तुम उदास मत हो मैं किसी भी सूरज को नहीं डूबने दूंगा।’

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