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धीरे-धीरे बन रहे चुनावी माहौल में और गर्मी भर गए प्रधानमंत्री मोदी

देहरादून: पांच साल पहले चुनाव से कुछ पहले आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी तरह भाजपाइयों में जोश भरा था। मोदी के आने से शनिवार को न सिर्फ धूप खिली बल्कि भाजपाइयों के चेहरे भी कमल की तरह खिल गए। मोदी को सुनने के लिए एक बार फिर दून के परेड ग्राउंड में लोगों का हुजूम उमड़ा। पांच साल पहले भी इसी तरह की एक रैली में मोदी ने अपने करिश्माई अंदाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी लोगों के दिलों को छू लेने की कला बखूबी जानते हैं। इसलिए अपने भाषण शुरूआत गढ़वाली से की। इसके बाद, लगातार वे कुछ लाइनें गढ़वाली में बोलते चले गए। लोगों को श्रीनगर गढ़वाल की चुनावी रैली याद आ गई, जहां मोदी ने अपना संबोधन गढ़वाली में शुरू किया था। हालांकि इस बार उन्होंने गढ़वाली में कुछ ज्यादा लाइनें बोलीं। उन्होंने लोगों के सामने प्रदेश के विकास का रोड मैप सामने रखा। अपनी सरकारी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने ये भी बताया कि डबल इंजन का आखिर फायदा क्या हुआ है? आने वाले पांच सालों के लिए भाजपा की फिर से सरकार बनाने की अपील की और यह भरोसा दिलाने की कोशिश भी की कि भाजपा ही इस राज्य को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकती है।

मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई। मोदी की बगल वाली कुर्सी में बैठे धामी को प्रधानमंत्री ने पीठ पर हाथ रखकर शाबासी दी। जब मोदी ने भाषण दिया, तब भी धामी की तारीफ की। उन्होंने कहा-युवा मुख्यमंत्री धामी के साथ हमारे अनुभवी मंत्रियों की ऐसी टीम है, जिन्होंने राजनीति में 30 से 40 साल सेवा का काम किया है।

धामी मंत्रिमंडल के सिर्फ दो मंत्रियों का मोदी ने अपने भाषण में नाम लिया, तो समझा जा सकता है कि चुनावी बेला में किस कदर चीजों को उन्होंने साधने की कोशिश की। ये दो मंत्री थे सतपाल महाराज और डॉ. हरक सिंह रावत। दोनों ही कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले मंत्री हैं। भाजपा में कांग्रेस से आए मंत्रियों की उपेक्षा का मामला पूरे पांच साल में गाहे बगाहे उठता रहा है। साथ ही पाला बदलने की चर्चाएं भी चलती रही हैं।

चुनाव के नाजुक मोड में मोदी ने दोनों वरिष्ठ मंत्रियों के नाम खास तौर पर लेकर उन्हें अतिरिक्त तवज्जो दी, जिसके संकेत सभी की समझ में आए। देहरादून के मौसम में पिछले तीन दिनों से धूप नहीं खिली थी। इसके लिए भाजपाइयों के चेहरे पर चिंताएं साफ देखी जा रही थीं, लेकिन मोदी शनिवार को दून आए तो धूप भी खिली और भाजपाइयों के चेहरे भी।

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