मध्य प्रदेश

गाँव में घरों तक टोंटी से पेयजल पहुँचाने की प्रधानमंत्री मोदी की पहल ऐतिहासिक : मुख्यमंत्री

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्रामों में पेयजल योजनाओं के संचालन और संधारण में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति, दीनदयाल समिति और स्व-सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त किया जाए। जल जीवन मिशन की लागत राशि के निर्धारित प्रतिशत का अंशदान उपयोगकर्ताओं से प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। प्रदेश के 52 जिलों में 4019 हर-घर जल घोषित ग्रामों में कार्य पूरे होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के ग्रामों में घरों में टोंटी से जल प्रदाय के कार्य करवाना साधारण बात नहीं बल्कि नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं में से एक स्वच्छ पेयजल की घर तक आपूर्ति की सुनिश्चित व्यवस्था बनाने का ऐतिहासिक कार्य है। सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित कर हर-घर जल घोषित ग्रामों में जल प्रदाय का विधिवत शुभारंभ किया जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय से वीसी द्वारा कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के द्वितीय-सत्र में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि समूह जल प्रदाय योजनाओं, एकल ग्राम नलजल योजनाओं के कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण किए जाएँ। प्रगतिरत रेट्रोफिटिंग एकल ग्राम नलजल योजना के कार्य 31 मार्च 2022 तक पूर्ण किए जाएँ। पूर्ण योजनाओं के लोकार्पण से अधिक से अधिक आमजन एवं जन-प्रतिनिधियों को भी वर्चुअली जोड़ने का प्रयास हो।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राम सभाओं के आयोजन कर हर-घर जल ग्रामों के भौतिक सत्यापन, प्रमाण-पत्र जारी करने, फोटोग्राफ और वीडियो वेबसाइट पर अपलोड किये जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नलों की टोंटी आदि न टूटे, इसके लिए जन-जागरूकता आवयक है। पंचायत सचिव और अन्य प्रतिनिधि जल जीवन मिशन के कार्यों और योजना के संधारण के लिए सहयोग प्रदान करें। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मैदानी अधिकारियों को सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

धान उपार्जन की समीक्षा

कॉन्फ्रेंस में धान उपार्जन के संबंध में निर्देश दिए गए कि कृषकों से खरीदे गए धान की राशि का भुगतान समय पर किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने दतिया में धान खरीदी कार्य को व्यवस्थित करने, अवैध रूप से उत्तरप्रदेश से आने वाले क्रांति धान के विक्रय पर अंकुश के प्रयासों के लिए कलेक्टर दतिया को बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा इस मॉडल को अन्य जिले भी अपनाएँ। सभी जिलों में किसानों को आवश्यक सुविधाएँ मिलें और उपार्जित खाद्यान की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कलेक्टर्स जिलों में भंडारण व्यवस्था की समीक्षा के साथ ही आगामी उपार्जन कार्यों की तैयारी भी कर लें।

प्रमुख सचिव खाद्य फैज अहमद किदवई ने बताया कि हाल ही में प्रदेश के कुछ जिलों में वर्षा हुई है, लेकिन उपार्जित खाद्यान्न सुरक्षित है और कहीं से भी किसी क्षति का समाचार नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि धान के लिए 8 लाख 33 हजार 865, ज्वार के लिए 19 हजार 923 और बाजरा के लिए 51 हजार 670 कृषकों का पंजीयन किया गया। प्रदेश में 43 लाख 64 हजार 984 मीट्रिक टन धान, 32 हजार 737 मीट्रिक टन ज्वार और 11 हजार 566 मीट्रिक टन बाजरा की खरीदी की गई है। समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी के बाद धान के लिए 4 हजार 877 करोड़, ज्वार एवं बाजरा के लिए 70 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है।

मातृ और शिशु मृत्यु दर कम करने की समीक्षा

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिए। अलीराजपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, भोपाल और रीवा जिला मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की रैंकिंग में श्रेष्ठ जिलों में शामिल हैं। शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में बुरहानपुर, श्योपुर, रायसेन, विदिशा और उज्जैन श्रेष्ठ जिलों में शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में आरसीएच पोर्टल (रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ सिस्टम ) से सेवाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, हाई रिस्क का चिन्हांकन, चार बार जाँच, मॉडरेट एनीमिया के चिन्हांकन और प्रबंधन की जानकारी भी दी।

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