वाराणसी

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातन संस्कृति का होगा उदय : बग्गा

कहा, हिंदू राष्ट्र की पहल हुई तो सबसे आगे की पंक्ति खड़ें नजर आयेंगे अजीत सिंह बग्गा

सुरेश गांधी

वाराणसी : यूपी के चुनावों की जीत ने हिंदुत्व की ताकतों को यह आत्मविश्वास दिया है कि वह अपने बुनियादी सांस्कृतिक एजेंडे को लेकर अब अस्पष्टता न रखें बल्कि खुलकर सामने आएं। वर्तमान युग में हिंदू समाज की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों परंपराओं का समाज वाहक बनें। योगी जी का मुख्यमंत्री बनना न सिर्फ सनातन संस्कृति बल्कि देश प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। यह बाते वाराणसी व्यापार मंडल के संस्थापक अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा नें कहीं। गुरुवार को एक मुलाकात के दौरान श्री बग्गा ने कहा कि योगी आज के एक हिंदू राजा हैं जो हिंदुओं के हृदय में राज करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। श्री बग्गा ने कहा कियोगी हिंदुओ को मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने वाले पहले व्यक्ति हैं। जबकि एक समय वह भी था जब लोग जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल की तरह, जय श्रीराम बोलने में घबराते थे, लेकिन आज उत्तर प्रदेश में वे बेखौफ जय श्री कृष्ण और जय श्रीराम बोल रहे हैं। उन्हांने कहा कि हमें गर्वै कि योगी के नेतृत्व में हम लोग हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ रहे हैं और अगर भगवान श्रीराम ने चाहा तो साल 2027 तक हिंदू राष्ट्र निश्चित हो जाएगा। श्री बग्गा ने कहा कि हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना हिंदू नहीं, यह सोलहों आना सच है। ऐसे में आखिर कब तक भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से रोका जाता रहेगा। उनका कहना है कि भारत को भारत रहना है तो भारत को हिंदू रहना ही पड़ेगा। हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को अखंड बनना ही पड़ेगा। ये हिंदुस्तान है और यहां परंपरा से हिंदू लोग रहते आए हैं। सदियों से जिस-जिस बात को हिंदू कहते हैं उन सभी बातों का विकास इस धरती में हुआ है। भारत की सारी बातें भारत की भूमि से जुड़ी हैं, किसी संयोग से नहीं।

श्री बग्गा ने कहा कि हिंदुत्व की एक पहचान है और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वालों ने इसे सांप्रदायिक के रूप में प्रचारित किया है, इस तथ्य के बावजूद कि यह एक विविध विचार है। कुछ लोग कहते हैं, हम हिंदू नहीं हैं, लेकिन भारतीय हैं। कुछ राजनीतिक कारणों से वह इससे बचते हैं। यह उनका विचार है, लेकिन नाम महत्वपूर्ण हैं। आपके पास मैडोना की तस्वीर नहीं है और किसी और का नाम नहीं डाल सकते हैं। इलाहाबाद, मुगलसराय, फैजाबाद आदि का नाम बदलना शहर के इतिहास को दर्शाता है। मतलब साफ है धर्म नियंत्रित, पक्षपात मुक्त, शोषण मुक्त, सर्वजन हिताय, सनातन शासन तंत्र को भारत में स्थापित करना है। इसमें अन्य धर्मसंप्रदाय के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए हिन्दुओं के अस्तित्व की रक्षा, देश की अखंडता शामिल है। इसके बावजूद कुछ लोगों को भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा तो पीड़ा है। फिरहाल, देर से ही सही मगर खुशी की बात है कि देश की सियासत के केंद्र में इस वक्त हिंदू राष्ट्र की चर्चा हो रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा गलत नहीं है। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज की भी मांग है कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएं। खासतौर से तब जब सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को वे ऑफ लाइफ बताया है। ये कोई उपासना पद्धति नहीं है। अगर लोगों की जीवन पद्धति को सुधारने के लिए ये रास्ता उचित है तो हमें इसे अपनाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।

अजीत सिंह बग्गा का कहना है कि इस्लामिक जेहाद पूरे विश्व के लिए खतरा है, इसलिए समय रहते इस पर अंकुश लगना ही चाहिए। देश में हिंदुओं को सरेआम मारा जाता है, शासन और प्रशासन मौन है। 1947 के बाद जो राष्ट्र बचा है, उसे पूरी तरह से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाएं। कश्मीर में आईकार्ड देखकर हिंदुओं की हत्या करने वालों को सार्वजनिक मंच पर वही दंड देना चाहिए। देश में सामान्य शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए। धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। पाठ्यक्रम में भगत सिंह और राजगुरु को शामिल किया जाए। साथ ही देश का पहला प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस को माना जाए, क्योंकि उन्हें 15 राष्ट्रों ने समर्थन दिया था। आजादी के पहले ही वह प्रधानमंत्री बन चुके थे। देश का रक्षा बजट 25 फीसदी बढ़ाया जाए और सेना को आतंकवादी पकड़े जाने पर उसका सिर कलम करने का अधिकार दिया जाए। इसके लिए विशेष न्यायालय बने, जिसके फैसले पर किसी अन्य जगह सुनवाई न हो सके।

बग्गा का कहना है कि हमारे लिए खतरा इस्लामिक जेहाद से जितना है, उससे कहीं अधिक हमारे बीच छिपे जेहादियों से है। जब देश आजाद हुआ तब एक समुदाय विशेष के लोग नौ करोड़ थे। नौ करोड़ ने देश के तीन टुकड़े कराए, अब 40 करोड़ हो गए हैं तो सोचिए क्या होगा। ऐसे में अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो संविधान, अदालतें, मानवता और भारतीय संस्कृति सभी ठीक उसी तरह से खत्म हो जाएंगे, जैसे कभी भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों में हुआ है। हिंदुओं के लिए भारत ही एकमात्र राष्ट्र बचा है और अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो हिंदुओं का अस्तित्व ही मिट जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो हिंदुओं के साथ सनातन धर्म का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, इसलिए केंद्र सरकार से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करनी चाहिए।

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