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सावरकर हमारे आदर्श, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी से कहा

मालेगांव. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि वह हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि वह सावरकर का अपमान करने से बचें।

उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) तीन दलों – शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) – का गठबंधन है, जिसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए बनाया गया था और इसके लिए एकजुट होकर काम करना जरूरी था।

उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि जानबूझ कर राहुल गांधी को उकसाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सावरकर हमारे आदर्श हैं और उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिलकर लड़ना होगा। सावरकर ने 14 साल तक अंडमान जेल में अकल्पनीय यातनाएं झेलीं। हम केवल पीड़ाओं को पढ़ सकते हैं। यह बलिदान एक प्रतीक है।”

ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम अपने देश के लोकतंत्र और इसके संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। हालांकि, आपको जानबूझ कर उकसाया जा रहा है। यदि हम इस समय को व्यर्थ जाने देंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। 2024 का चुनाव, आखिरी चुनाव होगा।”

गुजरात में सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था, ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं।” ठाकरे ने कहा कि उन्होंने गांधी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा” का समर्थन किया।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने कल अपनी प्रेसवार्ता में अच्छी बात कही। उन्होंने वैध सवाल उठाया कि 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं? लेकिन सरकार जवाब नहीं देना चाहती।”

शनिवार को अपनी प्रेसवार्ता के दौरान, गांधी ने कहा कि अडाणी की मुखौटा कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किसने किया और प्रधानमंत्री के साथ व्यवसायी के क्या संबंध हैं, यह सवाल बना हुआ है।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने आरोप लगाया कि जिनका देश के स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं है, वे लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।

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