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कोरोना में अपने मां-बाप को खोने वाले बच्चों के साथ शिवराज मनाएंगे दीपावली का त्योहार

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान अनेक बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया हैं। इन बच्चों की यह पहली दीपावली है। अपने मां-बाप को खोने वाले बच्चों को लिए मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना शुरू की गई है। ऐसे बच्चों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दीपावली मनाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि कोविड-19 काल में कई बच्चों ने अपने माता-पिता खो दिया। ऐसे सभी बच्चे हम सबकी और पूरे मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी हैं। इन बच्चों की जिंदगी सँवारने और उनका भविष्य बनाने के साथ खुशियाँ देने की जवाबदारी हमें उठानी है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि आपके पड़ोस में या परिचय में ऐसे बच्चे हैं, तो इस बार की दीपावली आप उनके साथ मनाएँ और खुशियाँ बाँटें। कोरोना काल में बनाई मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना से हम ऐसे बच्चों की शिक्षा सहित सभी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, मेरे बच्चों, माता-पिता की जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन उन्होंने जो सपने तुम्हारे लिए देखे थे, उसे पूरा करने में तुम्हारा मामा शिवराज सिंह चौहान हर कदम साथ रहेगा।

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की आर्थिक सहायता के साथ उन्हें नि:शुल्क शिक्षा और नि:शुल्क राशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान चार नवंबर को मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के लाभान्वित बच्चों के साथ दीपावली मनाएंगे। मुख्यमंत्री निवास पर दोपहर साढ़े 12 बजे होने वाले इस विशेष दीपोत्सव में मुख्यमंत्री चैहान भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और होशंगाबाद जिले के 53 अनाथ बच्चों के साथ भोजन करेंगे और उन्हें मिठाई वितरित कर दीपावली का त्यौहार मनाएंगे।

मुख्यमंत्री चौहान इन बच्चों को मुख्यमंत्री निवास का भ्रमण भी करायेंगे। इस पावन पर्व पर प्रदेश के समस्त जिलों से मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के लाभान्वित बच्चे एन.आई.सी. के माध्यम से जुड़ेंगे और उनको संबोधित भी करेंगे। सभी जिलों में मुख्यमंत्री चौहान की ओर से हितग्राही बच्चों को दीपावली पर मिठाई का वितरण जिला कलेक्टर्स द्वारा किया जाएगा।

प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में 1052 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 945 आवेदन स्वीकृत किये जाकर 1365 अनाथ बच्चों को लाभ दिया जा रहा है।

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