बेंगलुरु : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने की कोशिशों के तहत बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं की दूसरी बैठक के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आमना-सामना हुआ। इस मौके पर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और विपक्षी एकता पर रणनीति बनाई। सूत्रों ने मीडिया को यह जानकारी दी।
दोनों नेताओं की दो साल के अंतराल के बाद आमने-सामने की मुलाकात हुई है। इससे पहले ममता बनर्जी ने जुलाई 2021 में सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच हमेशा सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन माना जाता है कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के कारण उनके बीच कुछ मनमुटाव हो गया था।
सूत्रों ने बताया कि बनर्जी विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी की उस टिप्पणी से नाराज थीं, जिसमें उन्होंने उन्हें तानाशाह और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं को गुंडा करार दिया था। सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी और सोनिया गांधी दोनों शाम करीब छह बजे बैठक स्थल पर पहुंचे और बैठक शुरू होने से पहले करीब आधे घंटे तक एक-दूसरे से बातचीत की। उन्होंने कहा कि दोनों ने एक-दूसरे के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
ममता बनर्जी घुटने की सर्जरी से उबर रही हैं, जबकि सोनिया गांधी को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। सूत्रों ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के दौरान दोनों नेता एक-दूसरे के बगल में बैठे और उन तरीकों पर चर्चा की जिससे उनकी पार्टियां एक साथ काम कर सकें और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का एकजुट होकर मुकाबला कर सकें। सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी को सर्जरी की वजह से बैठक के बाद रात्रिभोज में शामिल नहीं होना था।
हालांकि, वह विचार-विमर्श के बाद कुछ समय के लिए रुकीं, लेकिन खाना नहीं खाया। ममता बनर्जी के जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन रात्रिभोज में शामिल हुए। सोनिया गांधी 23 जून को पटना में हुई विपक्ष की पिछली बैठक में शामिल नहीं हुई थीं।