दिल्ली

स्वाति मालीवाल का दावा- ’20-30 रुपए में बेचा जा रहा है ट्विटर पर बच्चियों का अश्लील वीडियो’

नई दिल्ली: सोशल मीडिया साईट और ट्विटर पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्विटर इंडिया को सामान भेजा है। उन्होंने दावा किया है कि, दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक ट्विटर बच्चों की अश्लील पॉर्न वीडियो बेचने का माध्यम बन गया है। बच्चियों के बलात्कार के वीडियो की ट्विटर पर भरमार है। 20-30 रुपए में बच्चियों की अश्लील वीडियो बेचा जा रहा है।

क्या ट्विटर केवल अमेरिका के कानून का ही पालन करता है
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने कहा कि, ट्विटर इंडिया के हेड को समन किया है कि वो दिल्ली महिला आयोग के ऑफिस आकर इसका जवाब दें। उन्होंने उनसे यह भी पूछा कि, क्या ट्विटर केवल अमेरिका के कानून का ही पालन करता है। इस मामले को लेकर आयोग द्वारा दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के DCP को भी समन जारी किया गया है।

20 रुपये में बिक रहे वीडियो
स्वाति मालीवाल ने आगे बताया कि, आयोग ने जांच शुरू कर दी है। 20 रुपये में वीडियो ले जाओ ऐसा ट्विटर पर चल रहा है। इसका पूरा रैकेट चल रहा है। स्कूल गर्ल के वीडियो, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, यह कई महीनों या सालों से चल रहा है।

…हिंदुस्तान में आंखें मूंद लेते हैं’
स्वाति मालीवाल ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की विडियो हजारों लोग शेयर कर रहे हैं। ख़ुफ़िया कैमरे से महिलाओं की नहाते हुए वीडियो डाली जा रही है। ये कंपनी विदेश में कानूनों का पालन करते हैं हिंदुस्तान में महिलाओं के साथ अश्लीलता और बलात्कार पर आंखें मूंद लेते हैं।’

उन्होंने यह भी लिखा कि, ‘दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक Twitter बच्चों की अश्लील पॉर्न विडियो बेचने का माध्यम बन गया है। छोटी बच्चियों के बलात्कार की वीडियो का ट्विटर पर भरमार लगा हुआ है। ₹20-₹30 रुपए में बच्चियों की अश्लील वीडियो बेची जा रही है।

…तो जारी करेंगे अरेस्ट वारंट
महिला आयोग की अध्यक्ष ने आगे कहा कि, 26 सितंबर तक ट्विटर इंडिया पॉलिसी हेड को समन किया है। इसका एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली पुलिस को इस मामले पर तुरंत FIR दर्ज करना चाहिए। अगर हमारे समन पर जवाब नहीं आया तो हम अरेस्ट वारंट भी इशू कर सकते हैं, इसका अधिकार दिल्ली महिला आयोग के पास है।

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