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ईरान के दो वैज्ञानिकों की मौत,इजरायल को जिम्मेदार बताता

नई दिल्ली : ईरान अपने दो वैज्ञानिकों की आकस्मिक मौत के लिए अपने पुराने दुश्मन इजरायल को दोषी मान रहा है. उसे संदेह है कि इजरायल ने उसके दो वैज्ञानिकों को जहर देकर मार डाला है. ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है जिस पर इजरायल को आपत्ति रही है. इससे पहले भी ईरान के वैज्ञानिकों की रहस्यमय तरीके से मौत होती रही है. इन मौतों के लिए ईरान इजरायल को जिम्मेदार बताता है.

एक ईरानी अधिकारी और सरकार से जुड़े दो स्रोतों का हवाला देते हुए अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि ईरान के वैज्ञानिक अयूब एंतजारी और कामरान अगमोलेई की अलग-अलग घटनाओं में मौत हो गई. कहा जा रहा है कि संदिग्ध परिस्थितियों में हुई ये मौतें इजरायल की टारगेट किलिंग थीं.

दोनों वैज्ञानिकों की मौत कैसे हुई, वो क्या काम करते थे और सरकार से उनके क्या संबंध थे, इसे लेकर पूरी जानकारी सामने नहीं आई है. दोनों ही वैज्ञानिक युवा थे और अपनी मृत्यु से पहले एकदम स्वस्थ थे. दोनों की मौत अलग-अलग घटनाओं में हुई.

35 वर्षीय एंतजारी यज्द शहर में एक डिनर पार्टी में शामिल हुए थे. डिनर के बाद वो बीमार हुए और 31 मई को उन्होंने दम तोड़ दिया. बताया गया है कि डिनर पार्टी का मेजबान गायब है और पुलिस अधिकारी उसकी तलाश कर रहे हैं.

ब्रिटेन स्थित ईरान इंटरनेशनल ने पहले बताया था कि एक परिचित ने जानबूझकर एंतजारी को जहर दिया था और डिनर पार्टी का होस्ट विदेश भाग गया था. एंतजारी कथित तौर पर यज्द में एक अनुसंधान और विकास केंद्र में कार्यरत थे. कहा जा रहा है कि वो मिसाइलों और ड्रोन बनाने का काम करते थे.

उनकी मौत के बाद यज्द के गवर्नर ने उनके परिवार को एक पत्र भेजा जिसमें उन्हें शहीद बताया गया. इससे ये साबित होता है कि ईरानी वैज्ञानिक देश की सेवा करते हुए दुश्मन देश के हाथों मारे गए. एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें स्थानीय अधिकारियों को उनके घर पर शोक व्यक्त करते हुए दिखाया गया है. यज्द राज्य की तरफ से बाद में कहा गया कि शहीद शब्द का इस्तेमाल एक गलती थी.

अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि एंतजारी एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे और एक बड़े पद पर कार्यरत थे, लेकिन तस्वीरों और वीडियो में उन्हें 2019 में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मुलाकात करते हुए देखा गया है. उनकी यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा कि वो एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे.

वहीं, दूसरे वैज्ञानिक अगमोलेई की बात करें तो, उन्हें लेकर और कम जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि तबरेज शहर में बिजनेस के सिलसिले में गए थे. इसके बाद 31 वर्षीय वैज्ञानिक राजधानी तेहरान गए जहां उन्हें मतली और दस्त की शिकायत हुई. उनके एक दोस्त ने बताया कि इसके बाद उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और 2 जून को उनकी मृत्यु हो गई.

अगमोलेई तेहरान के तारबियाट मोडारेस विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट के छात्र थे. विश्वविद्यालय ने उनकी मौत के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई. इसके अलावा, उनकी मौत को लेकर कोई और आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिब्रू मीडिया और ईरान के बाहर स्थित कुछ फारसी समाचार आउटलेट्स ने कहा कि अगमोलेई ईरान के नटान्ज परमाणु सेंटर में काम करते थे. हालांकि, उनके दोस्तों ने इस बात से इनकार किया है.

22 मई को ही दो बंदूकधारियों ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एक कर्नल सयाद खोडाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ईरान ने कर्नल की हत्या के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया था.

साल 2020 में ईरान के एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर दी गई थी. वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए बेहद अहम थे. ईरान ने इसके पीछे भी इजरायल का हाथ बताया था. ईरान ने कहा था कि इजरायल ने ईरानी वैज्ञानिक की हत्या के लिए रिमोट संचालित हथियार का इस्तेमाल किया था.

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