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कोरोना के मद्देनजर दुनिया को योग की अब ज्यादा जरूरत: मोदी

नयी दिल्ली (एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में योग की बढ़ती भूमिका पर बल देते हुए रविवार को कहा कि दुनिया को पहले के मुकाबले अब योग की ज्यादा आवश्यकता महसूस की जाने लगी है, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

मोदी ने छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना जैसी बीमारियों को मात देने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना अनिवार्य होता है और जीवन में योग अपनाकर इस प्रकार की बीमारियों को हराया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 श्वसन तंत्र पर ज्यादा हमला करता है जिसे प्राणायाम या सांस लेने संबंधी अभ्यास से मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है। हमारी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वह है प्राणायाम अर्थात सांस लेने संबंधी योगाभ्यास। सामान्य तौर पर अनुलोम विलोम ही ज्यादा चर्चित हैं और ये काफी प्रभावी भी हैं, लेकिन प्राणायाम के अनेक प्रकार भी हैं।”

उन्होंने कहा कि योग एकता की शक्ति के रूप में उभरा है और यह नस्ल, रंग, लिंग, धर्म और राष्ट्रों के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की कोविंद ने दी बधाई

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की रविवार को बधाई दी।

कोविंद ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर योग करते अपनी तस्वीर साझा की और लिखा, ” सब को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई! प्राचीन योग विज्ञान मानवता को भारत का अमूल्य उपहार है।”

उन्होंने लिखा, “मुझे प्रसन्नता है कि अधिकाधिक लोग योग को जीवन में अपना रहे हैं। संघर्ष व तनाव के बीच, विशेष रूप से कोविड-19 के इस दौर में, शरीर को स्वस्थ एवम् मन को शांत रखने में योगाभ्यास सहायक सिद्ध होगा।”

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