पंजाब

नोटिफिकेशन से पहले होंगे वार्डबंदी में कई बदलाव, गलतियां सुधारेगी आम आदमी पार्टी

जालंधर : नगर निगम जालंधर के पार्षद हाऊस की अवधि 24 जनवरी को समाप्त हो चुकी है और अभी भी अगला पार्षद हाऊस चुनने हेतु होने जा रहे चुनावों में कुछ माह की देरी है। इन चुनावों हेतु हाल ही में नई वार्डबंदी का एक ड्राफ्ट सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जो है तो बिल्कुल सही परंतु आम आदमी पार्टी के नेता भी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस ड्राफ्ट को किसने लीक किया और लीक करने वाले का असल मकसद क्या है।

चाहे अभी इस ड्राफ्ट की नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है परंतु ड्राफ्ट की जो सॉफ्ट कॉपी सोशल मीडिया में घूम रही है, वह ऐसे प्रतीत हो रही है जैसे नोटिफिकेशन के लिए बिल्कुल तैयार है परंतु दूसरी ओर माना जा रहा है कि नई वार्डबंदी में नोटिफिकेशन से पहले ही बड़े बदलाव करने की तैयारी चल रही है जिसके माध्यम से आम आदमी पार्टी अपनी गलतियों को सुधारेगी।

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि वार्डबंदी के प्रारूप में बदलाव का सिलसिला सोमवार से ही शुरू किया जा रहा है और इसके लिए संबंधित सरकारी अधिकारियों को भी संदेश पहुंचा दिए गए हैं। माना जा रहा है कि वार्डबंदी के ड्राफ्ट में बदलाव के लिए चंडीगढ़ बैठे लोकल बॉडीज विभाग के कुछ अधिकारी भी अगले सप्ताह जालंधर रहेंगे और जल्द ही बदलाव के बाद नई वार्डबंदी को फाइनल करने का काम पूरा कर दिया जाएगा।

पता चला है कि आम आदमी पार्टी के कई नेता प्रस्तावित वार्डबंदी से नाखुश हैं और आशंका भी व्यक्त की जा रही है कि यदि इस वार्डबंदी के आधार पर निगम चुनाव होते हैं तो चुनाव परिणामों पर असर पड़ सकता है।गौरतलब है कि लोकसभा उपचुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के जालंधर यूनिट में कई प्रकार के बदलाव आए हैं। उप चुनाव से पहले जिन आप नेताओं को हैवीवेट माना जा रहा था , अब वह दूसरे और तीसरे नंबर पर खिसक चुके हैं। सांसद के रूप में जीत प्राप्त करने के बाद सुशील रिंकू इस समय आम आदमी पार्टी के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच चुके हैं।

ऐसे में प्रस्तावित वार्डबंदी के बदलाव में सुशील रिंकू की भूमिका को अहम और जरूरी माना जा रहा है। खास बात यह है कि सुशील रिंकू के कई निकटवर्ती नेता भी वार्डबंदी में बदलाव के इच्छुक हैं और लगातार सांसद से इस बाबत मांग कर रहे हैं। अगले दो-तीन दिन के भीतर ही वार्डबंदी के ड्राफ्ट में जो जो बदलाव होने हैं उसके लिए आप नेताओं ने कुछ एक्सपर्ट नेताओं की ड्यूटी तक लगा दी है।

गौरतलब है कि इन्हीं एक्सपर्ट नेताओं ने पिछली वार्डबंदी का मसौदा भी तैयार किया था परंतु फिर भी नई वार्डबंदी में कुछ वार्ड ऐसे बन गए हैं जिन बाबत इन एक्सपर्ट नेताओं को भी कोई ज्ञान नहीं है कि यह कैसे हो गया। वार्डबंदी के वर्तमान प्रारूप में कई जनरल वार्ड एस.सी रिजर्व कर दिए गए हैं और कई रिजर्व श्रेणी के वार्ड जनरल रखे गए हैं। माना जा रहा है कि बदलाव के तहत कई वार्डों की रिजर्वेशन को बदला जाएगा। अब देखना होगा कि वार्डबंदी का नया ड्राफ्ट तैयार करने में ‘आप’ नेता और सरकारी अधिकारी कितना वक्त लगाते हैं।

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