उत्तराखंड

आठ दिसंबर से पहले पारित होगा यूसीसी विधेयक !

देहरादून (गौरव ममगाईं)। आगमी 8 दिसंबर से पहले उत्तराखंड में विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है। खास बात ये कि इस सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक भी पेश कर सकते हैं और कोशिश होगी कि इसे तुरंत पारित भी करा दिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो देश की राजनीति में उत्तराखंड खासा चर्चाओं में आ जाएगा।

 सत्र बुलाने की क्यों है संभावनाएं

राजनीतिक जानकार कहते हैं कि पिछले विधानसभा सत्र को राज्यपाल ने सत्रावसान नहीं किया था। इसलिए सरकार उसी सत्र को आगे बढ़ा सकती है। सरकार शुरू से इसी कोशिश में है कि जल्द से जल्द यूसीसी विधेयक को पारित किया जा सके। अब अगले साल प्रारंभ से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। वहीं, इन दिनों नया वायरस आने की भी खबरें हैं, जिसकी रोकथाम के लिए आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कुछ सख्त एडवायजरी जारी भी कर सकती है। वहीं, आज मंगलवार को सिलक्यारा रेस्क्यू भी पूरा हो गया है, जिससे सरकार के पक्ष में माहौल बन गया है। ऐसे में चर्चाएं हैं कि सीएम पुष्कर सिंह धामी अब विधानसभा सत्र में यूसीसी विधेयक पेश करने में और देरी करने के मूड में नहीं हैं। इसलिए ऐसी चर्चाएं हैं कि सरकार आठ दिसंबर से शुरू हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले ही यह बड़ा काम करने लेना चाहती है। इसके अलावा सरकार राज्य आंदोलनकारियों का क्षैतिज आरक्षण से जुड़ा विधेयक भी ला सकती है।

UCC IN UTTARAKHAND

त्रावसान न होने के कारण अचानक सत्र बुलाने में कोई अड़चन नहीं

दरअसल, संविधान में आर्टिकल 152 से 237 तक में राज्यों की प्रशासन व्यवस्था का वर्णन किया गया है। आर्टिकल 153 में राज्यपाल व उनकी संवैधानिक एवं विवेकाधानी शक्तियों का जिक्र है। इसी आर्टिकल में वर्णित है कि विधानसभा को आहूत करने, सत्रावसान करने का अधिकार राज्यपाल को होगा। अर्थात् जब भी कोई सरकार नया विधानसभा सत्र शुरू करना या खत्म करना चाहती है तो इसके लिए राज्यपाल ही अधिकृत किया है। इसके लिए राज्यपाल से स्वीकृति लेने व अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। इससे पहले सरकार को विधानसभा का नया सत्र बुलाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी भी दिलानी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में कई हफ्ते तक का समय लग जाता है। जबकि, सत्रावसान नहीं हुआ हो तो सरकार सीधे पिछले सत्र को ही आगे बढ़ा सकती है। उत्तराखंड सरकार के सामने भी यही विकल्प नजर आ रहा है।

CM PUSHKAR SINGH DHAMI
Dehradun, Feb 28 (ANI): Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami chairs a meeting with the officials to review the status of receipt of revenue in the secretariat, in Dehradun on Tuesday. (ANI Photo)

बता दें कि अभी तक यूसीसी देश में सिर्फ गोवा (1970 के दशक के प्रारंभ) में ही लागू है। उत्तराखंड में यूसीसी कानून बनता है तो उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा। देश में यूसीसी को लागू करने का सपना देख रही भाजपा इस उपलब्धि से गदगद होगी। वहीं, युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर अपनी निर्णय क्षमता एवं राजनीतिक कौशल को साबित करेंगे। स्वाभाविक तौर पर इससे भाजपा में सीएम धामी का कद भी बढ़ेगा

प्रस्तावित यूसीसी ड्राफ्ट में ये हो सकते हैं प्रावधानः

  • लिव-इन-रिलेशनशिप मे रह रहे प्रेमियों को पुलिस स्टेशन में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य।
  • महिला विवाह आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष किया जा सकता है।
  • विवाह पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। यदि कोई पंजीयन नहीं कराता है तो सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होगा।
  • हलाला व इद्दत प्रथा को बंद करने की सिफारिश
  • बहुविवाह प्रथा (एक से ज्यादा पत्नी रखना) पर रोक
  • जनसंख्या नियंत्रण

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