बठिंडा: सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, जिनके विरुद्ध 24 सितम्बर को विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था, का एक सप्ताह गुजरने के बावजूद भी अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। विजिलेंस ने अब पैंतरा बदलते हुए अब उसके करीबियों को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस सरकार के दौरान मनप्रीत के खास रहे शराब कारोबारी के घर पर विजिलेंस विभाग ने दबिश दी लेकिन घर को ताला लगा मिला। यहीं बस नहीं, विजिलेंस विभाग उसके गांव बाहो यात्री पहुंची लेकिन वहां भी कुछ हाथ नहीं लगा।
पूर्व निगमायुक्त व पुड्डा के ए.सी.एस. रहे विक्रमजीत सिंह शेरगिल, जो ए.डी.एस. पद पर तैनात हैं, के ठिकानों पर भी विजिलेंस ने रेड की परंतु वह भी भूमिगत हो गए। विजिलेंस विभाग किसी भी तरह मनप्रीत बादल को गिरफ्तार करने के लिए आतुर है और उसकी भनक पाने के लिए जाल भी बुना जा रहा है। प्लाट घोटाले में 6 लोगों के विरुद्ध विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था जिनमें 3 की गिरफ्तारी हो चुकी है और 3 फरार चल रहे हैं। गिरफ्तार राजीव कुमार, विकास अरोड़ा, अमनदीप सिंह का रिमांड खत्म होने पर उन्हें 13 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
विजिलेंस विभाग ने अब मनप्रीत बादल व उसके रिश्तेदार के खासमखास सहयोगियों की एक लंबी लिस्ट तैयार की है जिनमें पार्षद, कारोबारी, सरकारी नौकर व संस्थाओं से जुड़े कुछ लोग शामिल हैं। इन पर कभी भी विजिलेंस की गाज गिर सकती है जबकि शराब कारोबारी की छापामारी को लेकर विभाग का कहना है कि केवल पूछताछ के लिए हिरासत में लेना था लेकिन वह हाथ नहीं लगा। एक अन्य प्रॉपर्टी डीलर, जिसकी पत्नी पार्षद है, विभाग को सहयोग नहीं कर रहा। विजिलेंस विभाग ने उसे बुलाया भी था लेकिन वह पहुंचा नहीं।