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भारत में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट का खतरा बरकरार, आखिर क्यों

नई दिल्ली । भारत में रोजाना कोविड-19 के मामलों में गिरावट के बीच भारतीय सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (आईएनएसएसीओजी) ने रविवार को कहा कि ओमिक्रॉन और इसकी उप-वंशावली भारत में प्रमुख रूप से बनी हुई है। आईएनएसएसीओजी ने अपने हालिया बुलेटिन में भारत के मौजूदा परिदृश्य के बारे में कहा, भारत में ओमाइक्रॉन और इसके उप-वंश प्रमुख रूप से बने हुए हैं। बीए डॉट 2 और इसके वंशज वंश, विशेष रूप से, बीए डॉट 2 डॉट 75 ज्यादातर भारत के विभिन्न हिस्सों में पिछले सप्ताह में पाए गए हैं। आगे कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बीए डॉट 5 की घटनाओं में कमी आई है। इस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती होने या किसी बीमारी की गंभीरता में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।

आईएनएसएसीओजी ने कहा कि ओमिक्रॉन विश्व स्तर पर सीक्वेंसिंग के 99.4 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। बीए डॉट 5 ओमिक्रॉन वंशावलियों का विश्व स्तर पर कोहराम है। आईएनएसएसीओजी ने कहा, पिछले सप्ताह के दौरान बीए डॉट 4 डॉट 6 समेत बीए डॉट 4 वंशज वंशों की व्यापकता में कमी आई। बीए डॉट 2 वंशज वंश (बीए डॉट 2 डॉट एक्स) की व्यापकता पिछले सप्ताह स्थिर रही। बीए डॉट 2 डॉट 75 निगरानी के तहत एक ओमिक्रोन वंशज वंश, अभी भी विश्व स्तर पर अपेक्षाकृत कम प्रसार दिखाता है, हालांकि, कई देशों ने हाल ही में बढ़ती प्रवृत्तियों को देखा है।

भारत में पिछले 24 घंटों में 1,994 नए कोविड मामले और चार लोगों की मौत हो गई। इससे राष्ट्रीय मृत्युदर 5,28,961 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश का सक्रिय 23,432 हैं, जो कुल मामलों का 0.05 प्रतिशत हैं।

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