रेपो दर में ०.25 फीसदी की वृद्धि
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मुंबई (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर दी। इसके कारण आवास वाहन और अन्य ऋण महंगे हो जाएंगे। आरबीआई ने इसके साथ ही रुपये को संबल देने के लिए उठाए गए कदम भी वापस ले लिए। आरबीआई ने 2013-14 की दूसरी तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया। रेपो दर वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से लघु अवधि के लिए ऋण लेते हैं। बैंक ने दो महीने के भीतर दूसरी बार रेपो दर बढ़ाई है। इससे पहले 2० सितंबर को रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि की गई थी। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई स्थिरता को देखते हुए रिजर्व बैंक ने रुपये को संबल प्रदान करने के लिए पहले उठाए गए कदम को भी वापस ले लिया। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 25 आधार अंक घटाकर 8.75 फीसदी कर दिया। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ेगी। एमएसएफ वाणिज्यि बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेने की विशेष खिड़की है।आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने एक बयान में कहा ‘‘एमएसएफ में कटौती और रेपो दर में वृद्धि के साथ ही मौद्रिक नीति को सामान्य बनाने की प्रक्रिया पूरी हो गई।’’आरबीआई आम तौर पर एमएसएफ को रेपो दर से 1०० आधार अंक अधिक रखता है। लेकिन हाल में रुपये को मजबूती देने के लिए इसमें परिवर्तन किया गया था। ताजा बदलाव के साथ ही रेपो दर और एमएसएफ के बीच 1०० आधार अंक का फासला स्थापित हो गया। राजन ने कहा कि मौद्रिक नीति समीक्षा में लिए गए नीतिगत फैसले का उद्देश्य महंगाई के दबाव को कम करना है और सुस्त विकास दर के बीच महंगाई के अनुमान का प्रबंधन करना है। उन्होंने कहा ‘‘इससे आर्थिक और वित्तीय स्थिरता आएगी और विकास का माहौल बनेगा। रिजर्व बैंक विकास के सामने आ रहे घटनाक्रमों पर नजर रखने के साथ ही महंगाई के जोखिम को भी ध्यान में रखेगा।’’