ज्ञान भंडार

अक्षय तृतीया के महा-मुहूर्त पर ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए करें इस मंत्र का जप…

Happy Akshaya Tritiya 2020 : वर्ष के सभी स्वयं सिद्ध मुहूर्तो में अक्षयतृतीया का स्थान सर्वोपरि है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि में किया गया दान-पुण्य, जप-तप तथा पूजा-पाठ अक्षुण फलदाई रहता है। यहाँ तक कि इस दिन किए गए बुरे कर्मों का दुष्परिणाम भी जीवन पर्यंत प्राणियों का पीछा करता रहता है इसलिए प्रयास करें कि अच्छे कर्म करें मानव मूल्यों को समझें, जरूरतमंदों की मदद करें और परमेश्वर की तरफ अपना पूर्ण ध्यान लगाएं।

शास्त्र कहते हैं कि इस दिन यदि मंत्र का जप एक माला भी किया जाए तो उसका फल लाखों जप मालाओं के बराबर होता है इसीलिए वर्तमान समय की परिस्थितियों एवं कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए आपकी राशि के अनुसार कुछ मंत्र दिए जा रहे हैं यदि दिए गये गए मंत्र का जप ‘अक्षय तृतीया’ के दिन करेंगे तो निश्चित रूप से माता पार्वती की कृपा आप पर और आपके परिवार पर बनी रहेगी। मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला, मोतियों की माला, काले मोतियों की माला, केरुवा की माला, कमलगट्टे की माला, तुलसी की माला, लाल चंदन की माला तथा श्वेत चंदन आदि की माला से किया जा सकता है। इनमें से किसी भी माला से किया गया जप अमोघ रहता है, यदि आपके पास कोई भी माला उपलब्ध न हो तो करमाला से भी कर सकते हैं यदि वह भी आपके करना संभव न हो तो आपकी राशि के दिए गए मंत्रों को 21 मिनट तक आंखें बंद करके सुखासन में बैठकर भी करके माँ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

विधान के अनुसार आप सर्वप्रथम स्नान ध्यान करके पूजा योग्य होकर अपने पूजा स्थान अथवा मंदिर में बैठें, उसके पश्चात गणेश जी  को प्रणाम करते हुए भगवान विष्णु को ॐ विष्णवे नमः कहते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें और ‘दीपस्थ देवतायै नमः’ मंत्र बोलते हुए दीप जलाएं और दीप देवता को प्रणाम करें। इसके बाद भगवान गणेश के इस मंत्र‘ॐ गं गणपतये नमः का एक माला जप करें। अपनी श्रद्धा शक्ति के अनुसार माँ की पूजा-आराधना करें तथा अपनी राशि के अनुसार दिए गए मंत्र का 121 बार जप करें। जप संपूर्ण होने के बाद ॐ इंद्राय नमः कहते हुए अपने आसन के नीचे जल छिड़कें और आसन को प्रणाम करते हुए छिड़के गए जल को माथे से लगाएं तत्पश्चात माँ की आरती करें। इस प्रकार अक्षय तृतीया के दिन आप संक्षिप्त पूजा से भी अपने सभी मनोरथ सिद्ध कर सकते हैं ऐसा करने से आपको मां की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।

मेष राशि और मंत्र – ॐ सृष्टि रूपायै नमः। 

बृषभ राशि और मंत्र – ॐ शक्ति रूपायै नमः।

मिथुन राशि और मंत्र – ॐ अन्नपूर्णायै नमः। 

कर्क राशि और मंत्र – ॐ वेद रूपायै नमः।

सिंह राशि और मंत्र – ॐ गौर्यै नमः।

कन्या राशि और मंत्र – ॐ काल्यै नमः।

तुला राशि और मंत्र- ॐ शंकरप्रियायै नमः। 

बृश्चिक राशि और मंत्र – ॐ विश्वधारिण्यै नमः।

धनु राशि और मंत्र – ॐ पार्वत्यै नमः। 

मकर राशि और मंत्र- ॐ उमायै नमः।

कुम्भ राशि और मंत्र- ॐ कोटर्यै नमः। 

मीन राशि और मंत्र- ॐ गंगादेव्यै नमो नमः।

 

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