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अपनी प्रतिभा से पहचाने गये राजेन्द्र बाबू व शास्त्रीजी

कायस्थ समागम एवं युवा सम्मान समारोह में बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह

लखनऊ। मोती महल लॉन में शनिवार को कायस्थ समागम एवं युवा सम्मान समारोह में पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कायस्थ समाज के लोगों का अभिवादन किया और समाज में कायस्थ समाज की भूमिका को सराहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री ने कायस्थ शब्द के अर्थ के बारे में बताया। उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी कायस्थ समाज से थे, लेकिन कभी भी लोग उन्हें कायस्थ समाज के नाम से नहीं जाने, बल्कि उनके कार्यों से जाना। वैसे ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी कायस्थ समाज का गौरव बढ़ाया। गृहमंत्री ने कहा कि कायस्थ समाज के लोगों ने कभी भी अपनी जाति के नाम पर अपना परिचय नहीं दिया। आधे से अधिक भारत मं किसी समाज ने शासन किया है, वह कायस्थ समाज के लोग हैं।

राजनाथ सिंह ने सबसे पहले कायस्थ समाज के लोगों का अभिवादन किया फिर ‘कायस्थ‘ शब्द के बारे में बताते हुए कहा, कि ब्रम्हा जी ने 11 हजार वर्षों तक साधना के बाद जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो ऐसा व्यक्ति मिला, जिनके हाथ में कलम और स्याही की दवात भी थी। इस पर ब्रम्हा जी ने कहा- आप मेरी काया से निकलेे हो, इसलिए आपको मैं चित्रगुप्त कहता हूं और आपके वंशज कायस्थ समाज से जाने जाएंगे। कार्यक्रम में दस मेधावी छात्रोें को 51 हजार रूपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कायस्थ समन्वय समिति के अध्यक्ष ओ.पी.श्रीवास्तव ने सभी को धन्यवाद दिया। कायस्थ सम्मान समारोह में भारी संख्या में ब्राम्हण, क्षत्रिय, कायस्थ व अन्य जाति लोगों ने भी शिरकत किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, सुरेश खन्ना, और भाजपा से राज्यसभा सांसद ओम माथुर, महन्त देव्या गिरी समेत भारी संख्या में भाजपा नेता मौजूद रहे।

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