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अमेरिका की नई एच-1बी वीजा लॉटरी से इमीग्रेशन पर पड़ेगा प्रभाव

अप्रैल महीने से एच-1बी आवेदन में काफी बदलाव होने जा रहा है।अब कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए एच-1 बी वीजा प्राप्त करने के लिए लॉटरी प्रोसेस से पहले इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीकृत करना होगा। नए नियमों के मुताबिक वीजा के लिए वही लोग अप्लाई कर सकेंगे जो  पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीकृत होंगे।

अमेरिका की नई एच-1बी वीजा लॉटरी से इमीग्रेशन पर पड़ेगा प्रभावफिलहाल एच-1बी वीजा अप्लाई करने के लिए याचिकाकर्ता को लॉटरी  के जरिए वीजा अप्लाई करना होता है। इसके लिए उन्हें सबसे पहले अपने सभी सहायक साक्ष्यों के साथ एप्लीकेशन भरना होता है। आईटी कंपनियां जो विभिन्न देशों में एच-1बी वीजा के तहत अपने कर्मचारयों को अमेरिका भेजती हैं उन्हें अपने पूरे दस्तावेज दाखिल करने होंगे। इन सारे बदलावों के बाद वह कंपनियां जो अमेरिका में विदेशी कर्मचारी रखती हैं उनके लिए यह परिवर्तन महत्वपूर्ण साबित होगा। वीजा प्रोसेस में किए गए इन सारे बदलावों को अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस से हरी झंडी मिल गई है।

डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के नियमों में किए गए बदलावों के बाद अब अमेरिका का इमीग्रेशन विभाग के लिए काम कर रहा विभाग और शक्तिशाली हो जाएगा क्योंकि यह अधिकार उसे होगा कि  अमेरिका में कौन काम कर सकता है और कौन नहीं।  बता दें कि पिछले कई वर्षों से ट्रंप प्रशासन विदेशी कामगारों को दिए जाने वाले एच 1बी वीजा कार्यक्रम में सुधार पर काम कर रहा है। अमेरिका हमेशा से ही  एच 1बी वीजा टैलेंटेड प्रोफेशनल्स को आकर्षित करता है और लेकिन नए बदलावों के बाद से कंपनियों को एच 1बी वीजाधारकों को नौकरियां देने में मुश्किलें आ रही हैं।

अमेरिका अब वैध इमिग्रेशन के लिए अपने प्रोसेस में कई तरह के बदलाव कर रहा है। जिसमें स्किल और मेरिट के आधार पर ही इमिग्रेंट्स को मौका देना चाहता है। ट्रंप प्रशासन वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम से कई  वर्षों से छुटकारा पाने की जुगत में लगा था। अभी अमेरिका हर साल 65 हजार एच 1बी वीजा और अमेरिका में साइंस, टेक्नोलोजी, इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षा पूरी करने वालों के लिए 20 हजार अतिरिक्त वीजा जारी करता है।

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