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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी का उपहास उड़ाया, भारत ने दिया जवाब

अफगानिस्तान में पुस्तकालय के वित्त पोषण पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी का उपहास उड़ाया। उन्होंने कहा कि मोदी जिस बात की चर्चा हमेशा करते हैं उतना खर्च तो अमेरिका अफगानिस्तान में 5 घंटे में कर देता है। इसका जवाब कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने दिया और सरकार से उचित जवाब देने की मांग भी की।

  • ट्रंप पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि अफगानिस्तान में विकास कार्यों के संदर्भ में भारत को अमेरिका से उपदेश की जरूरत नहीं है
  • कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए
  • फगानिस्तान में एक लाइब्रेरी का वित्त पोषण करने के लिए ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में एक पुस्तकालय के वित्त पोषण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में विकास कार्यों के संदर्भ में भारत को अमेरिका से उपदेश की जरूरत नहीं है। पार्टी ने यह भी कहा कि ट्रंप की टिप्पणी ‘अस्वीकार्य’ है और उम्मीद है कि भारत सरकार इसका सख्ती से जवाब देगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री का मजाक बनाना बंद करिए। अफगानिस्तान पर भारत को अमेरिका के उपदेश की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत ने अफगानिसतान में नैशनल असेंबली की इमारत बनाने में मदद की। मानवीय जरूरतों से लेकर रणनीतिक-आर्थिक साझेदारी तक, हम अफगान भाइयों एवं बहनों के साथ हैं।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी ठीक नहीं है और यह अस्वीकार्य है।’ उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि सरकार सख्ती से इसका जवाब देगी और अमेरिका को यह याद दिलाएगी कि भारत ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर सड़कें एवं बांध बनवाएं हैं तथा तीन अरब डॉलर के मदद की प्रतिबद्धता भी जताई है।’ दरअसल, अफगानिस्तान में एक लाइब्रेरी का वित्त पोषण करने के लिए ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होंने उस देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर भारत एवं अन्य देशों की आलोचना की थी। इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने कहा कि ट्रंप की ‘व्यंग्यात्मक टिप्पणी’ अफगानिस्तान में भारत के सत्यनिष्ठ प्रयासों को लेकर अमेरिका को विश्वास दिलाने में भाजपा सरकार की नाकामी को दर्शाती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को वर्ष की अपनी पहली कैबिनेट बैठक में विदेशों में अमेरिकी निवेश कम करने पर जोर देने के अपने रुख को सही ठहराया और भारत, रूस, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को कहा। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देकर कहा कि विश्व के नेता अपने योगदान का बखान कर रहे हैं जबकि उनका योगदान अमेरिका की ओर से खर्च किए गए अरबों डॉलर के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता। गौरतलब है कि भारत युद्धपीड़ित अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में पुस्तकालय बनवाया। पुस्कालय! इतना तो हम (अफगानिस्तान में) पांच घंटे में खर्च कर देते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘और वह (मोदी) मुझे बताते हैं। वह बहुत समझदार हैं। हमें कहना चाहिए कि अरे, पुस्तकालय के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि अफगानिस्तान में कौन इसका इस्तेमाल कर रहा है? यह ऐसी कई बातों में से एक बात है। मुझे फायदा उठाया जाना पसंद नहीं है।’ ट्रंप ने कहा, ‘(मेरे) प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे संबंध हैं। वह बहुत अच्छे इंसान है और उन्होंने शानदार काम किया है। वह देश को साथ लेकर आए हैं।’

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