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अलविदा 2018: 67 सालों में पहली बार एशियन गेम्स में भारत ने रचा इतिहास

साल 2018 अपनी समाप्ति के कगार पर है, यह साल भारतीय खेल जगत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। खासकर जकार्ता में खेले गए एशियन गेम्स में भारत का प्रदर्शन यादगार रहा।

अलविदा 2018: 67 सालों में पहली बार एशियन गेम्स में भारत ने रचा इतिहासएशियन गेम्स 2018 में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 15 गोल्ड समेत 69 मेडल जीतकर 67 सालों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। एशियन गेम्स में भारत ने इस बार 15 गोल्ड, 24 सिल्वर और 30 कांस्य पदक सहित 69 मेडल अपने नाम किए। इससे पहले भारत का एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 1951 में था, उस वक्त दिल्ली में आयोजित हुए एशियाड में भारत ने 51 मेडल जीते थे, जिसमें 15 गोल्ड मेडल भी शामिल थे।

एशियन गेम्स 2010 में भी भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा था, उस वक्त भारतीय टीम 14 गोल्ड जीतने में सफल रहा था। उस साल भारत 14 गोल्ड, 17 सिल्वर और 34 कांस्य पदक समेत कुल 65 पदक हासिल किए थे।

इन खेलों में भारत ने जीता पदक

एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक जीतने वाले में भारतीय खिलाड़ी बने। एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में भारत का यह केवल तीसरा पदक है। इससे पहले एशियाई खेलों (1951) में भारत के पारसा सिंह ने सिल्वर मेडल जबकि 1982 के एशियाई खेलों गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

एशियन गेम्स 2018 में भारत के लिए सबसे अधिक पदक एथलेटिक्स में आए। एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण, 10 रजत और दो कांस्य के साथ कुल 19 पदक अपने नाम किए। शूटिंग में भी भारतीय निशानेबाजों ने निराश नहीं किया और दो स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य के साथ कुल नौ पदक अपने नाम किए।

कुश्ती में भारत का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा, इस खेल में खिलाड़ी केवल दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक ही जीत पाए। इसके अलावा ब्रिज, नौकायन और टेनिस की विभिन्न स्पर्धाओं में भारत ने एक स्वर्ण और दो कांस्य के साथ कुल तीन-तीन पदक जीते।

भारत को तीरंदाजी और घुड़सवारी में दो-दो रजत पदक, स्क्वॉश में एक रजत और चार कांस्य पदक, सेलिंग में एक रजत और दो कांस्य पदक,  बैडमिंटन, हॉकी, कबड्डी और कुराश में एक रजत, एक कांस्य के साथ कुल दो-दो पदक, वुशू में कुल चार कांस्य पदक, सेपकटकरा में एक कांस्य पदक और टेबल टेनिस में दो कांस्य पदक मिले।

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