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आखिर क्यों लगाते हैं पूजा-पाठ के समय माथे पर तिलक? जानिए इसके फायदे

हिन्दू संस्कृति में सदियों से पूजा-पाठ के समय या किसी के स्वागत के समय माथे पर तिलक लगाने का विधान है, जो आज भी चल रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माथे पर तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है और पाप का नाश होता है। तिलक लगाने से मन शांत और निर्मल रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।

पूजा-पाठ के दौरान हाथ में मौली या कलावा बांधा जाता है और माथे पर तिलक लगाकर अक्षत् लगाने का विधान है। यह तिलक रोली, कुमकुम, चंदन, हल्दी, केसर आदि का हो सकता है। तिलक दोनों आंखों के बीच में भौहों से थोड़ा ऊपर लगाया जाता है।

तिलक लगाने का महत्व और फायदे

1. तिलक लगाने का वैज्ञानिक कारण यह है कि मन को शांति और शीतलता मिलती है। मस्तिष्क में ऐसे रसायनों का संतुलित मात्रा में स्राव होता है, जिससे नकारात्मकता, उदासीनता और निराशा के भाव नहीं पनपते हैं। व्यक्ति की सोच सकारात्मक बनी रहती है।

2. तिलक लगाने से व्यक्तित्व में निखार आता है। साथ ही व्यक्ति का आत्मविश्वास और आत्मबल बढ़ जाता है।

3. हल्दी या कुमकुम का तिलक लगाने से त्वचा में निखार आती है क्योंकि हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो त्वचा को स्वच्छ बनाए रखने में मदद करता है।

4. चंदन का तिलक लगाने से मन शीतल हो जाता है, भाग्य में वृद्धि होती है। माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं।

5. केसर का तिलक लगाने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। सात्विक गुणों और सदाचार बढ़ता है।

6. दही का तिलक लगाने से कुंडली में चंद्रमा का दोष दूर होता है। मन शीतल रहता हैं ।

7. कुमकुम का तिलक लगाने से व्यक्तित्व में जबरदस्त निखार आता है।

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