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इंडोनेशिया में हिंसक हुए प्रदर्शनकारी, इमारतों में लगाई आग

इंडोनेशिया के सुदूर पूर्वी राज्य पापुआ में चल रहा प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया। पापुआ की राजधानी जयापुरा में प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों में आग लगा दी। सरकारी मीडिया के मुताबिक, आगजनी के चलते सरकारी विद्युत कंपनी पीएलएन यूटिलिटी को कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति रोकने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है। साथ ही जयपुरा में बहुत सारे पेट्रोल पंप भी बंद कर दिए गए हैं। पापुआ में करीब दो सप्ताह से कथित तौर पर नस्लीय व जातीय भेदभाव के आरोपों को लेकर सामुदायिक संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारी स्वतंत्र मत की भी मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी नियंत्रण वाली टेलीकॉम कंपनी टेलीकॉम्युनिकासी इंडोनेशिया के कार्यालयों वाली एक बिल्डिंग में भी आगजनी की। हालांकि कंपनी की तरफ से गुरुवार को कहा गया कि अभी तक नुकसान का आकलन नहीं हो सका है।

पीएलएन यूटिलिटी के रीजनल डायरेक्टर (मलाकू व पापुआ) अहमद रफीक ने कहा कि कंपनी ने आग का शिकार हुई बिल्डिंग के चारों तरफ के क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। सरकारी न्यूज एजेंसी अंतारा के मुताबिक, कारों में आग लगा रहे और दुकानों व कार्यालयों पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय संसदीय कार्यालय में भी आग लगा दी। पुलिस प्रवक्ता देदी प्रास्तेयो ने भी आगजनी और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने की पुष्टि की है।

पुलिस की गोलियों से मरे छह प्रदर्शनकारी
जयापुरा में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के तार बुधवार को करीब 500 किलोमीटर दूर देयाई शहर में पुलिस की गोलियों से छह प्रदर्शनकारियों की मौत से जोड़े जा रहे हैं। हालांकि सेना ने इस संघर्ष के दौरान महज एक सिपाही और दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। पुलिस चीफ टीटो कार्नावियान ने कहा कि इस घटना के चलते बुधवार को जयापुरा, देयाई और पानाई शहरों में सैनिकों की 300 मोबाइल ब्रिगेड लगाई गई थी। बता दें कि पापुआ में कई दशक से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है, जिसमें इंडोनेशियाई सुरक्षा बलों पर मानवाधिकार हनन के आरोप आमतौर पर लगते ही रहते हैं।

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