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इन दो कारणों से हरियाणा में GST रिटर्न लक्ष्य से पिछड़ा

गुड़गांव : हरियाणा में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के तहत रिटर्न भरने का लक्ष्य पहले प्रक्रिया कमजोर नेटवर्किंग (जीएसटीएन) के हुए फिर रिटर्न भरने के आखिरी दिन डेरा समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन से 25 अगस्त को जीएसटी नेटवर्किंग व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने से  प्रदेश में सिर्फ 21 फीसदी कारोबारी ही पहला रिटर्न भर पाए हैं, जो लक्ष्य से बहुत पीछे है. अब आगे क्या होगा इसको लेकर 79 फीसदी कारोबारी असमंजस में है कि क्या उन्हें दूसरा मौका दिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी.इन दो कारणों से हरियाणा में GST रिटर्न लक्ष्य से पिछड़ा

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में 80 हजार नए कारोबारी जीएसटी से जुड़े हैं, जबकि 2.88 लाख कारोबारी पुराने हैं, इस तरह प्रदेश में जीएसटी रजिस्टर्ड डीलर्स की संख्या बढ़कर 3.66 लाख हो गई है. नियमानुसार 25 अगस्त तक इन सभी कारोबारियों को समरी रिटर्न भरना अनिवार्य था. इसके लिए एक मात्र ऑन लाइन व्यवस्था की गई थी. सरकार को पूरा भरोसा था कि ऑन लाइन नेटवर्किंग सिस्टम में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी, लेकिन पहले दिन ही वेबसाइट ने धोखा दे दिया, जबकि इसके लिए केवल एक दिन 20 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी. इस कारण डीलर्स को रिटर्न भरने के लिए 25 अगस्त तक का मौका दिया था.

बता दें कि 21 से 24 अगस्त तक कुल चार दिनों में सिर्फ 78 हजार कारोबारी ही पहला रिटर्न भर सके, जो कि कुल रजिस्टर्ड डीलर्स का महज 21.3 फीसदी है. आखिरी दिन 25 अगस्त को डेरा समर्थकों की हिंसा के कारण पूरे प्रदेश में नेटवर्किंग ठप रही. करीब 2.88 लाख डीलर्स समरी रिटर्न नहीं भर पाए. ऐसे में इन छूटे डीलर्स को रिटर्न भरने के लिए और मौका मिलेगा या नहीं इसको लेकर रजिस्टर्ड कारोबारी चिंतित हैं, क्योंकि इस बारे में कोई भी नया दिशानिर्देश नहीं मिला है

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