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इलाहाबाद में 10वीं की छात्रा ने एक दिन की थानेदार बन दिखाया जलवा

इलाहाबाद : ‘पुलिस रहित समाज’ विषयक निबंध प्रतियोगिता की विजेता 10वीं की छात्रा सौम्या दुबे का एक दिन की थानेदार बन जलवा दिखाना चर्चा का विषय बन गया. सुबह सिविल लाइंस थाने में इंस्पेक्टर के रूप में चार्ज संभालने वाली सौम्या ने इस दौरान पुलिस की कार्य प्रणाली समझी . ऐसे ही अन्य विजेता प्रतियोगियों ने भी इसमें हिस्सा लिया. 

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इलाहाबाद में 10वीं की छात्रा ने एक दिन की थानेदार बन दिखाया जलवाउल्लेखनीय है कि सौम्या को रविवार को एक दिन के लिए थानेदार का किरदार निभाने का मौका मिला था. इसी निबंध प्रतियोगिता में शीर्ष पर अन्य प्रतिभागियों को भी पुलिस की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया. इस दिन एएसपी विनीत जायसवाल ने सुबह पुलिस लाइन सभागार में प्रतिभागी विद्यार्थियों का परिचय कराया गया. इसके बाद सरकारी जीप में बैठकर सौम्या सिविल लाइंस थाने में चार्ज लेने पहुंची तो कई दारोगा, सिपाही स्वागत में माला-फूल लिए खड़े हुए थे.

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कुर्सी संभालते ही सौम्या ने एक थानेदार की तरह जनरल डायरी के अलावा मालखाना, बंदी गृह, मेस व अन्य स्थानों का अवलोकन कर कार्यालयीन कार्य निपटाए .दोपहर में उसने सुभाष चौराहे पर वाहन चेकिंग कर बिना हेलमेट और यातायात के नियमों का पालन न करने वालों का चालान काटा. जबकि भीड़भाड़ वाले स्थान पर माइक के जरिए लोगों को वाहन पार्किंग के बारे में चेतावनी दी.

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बता दें कि सौम्या के अलावा अन्य विद्यार्थियों को अलग अलग थानों में भेजा गया .सभी को पुलिस वाहनों से पेट्रोलिंग कराई गई. छात्रों ने समाज में पुलिस के प्रति नकारात्मक सोच बदलाव लाने की प्रतिबद्धता जताई. इस एक दिवसीय थानेदारी का मकसद पुलिस की कार्य प्रणाली को समझाना था. अपनी 15 साल की बेटी को इंस्पेक्टर सिविल लाइंस की कुर्सी पर देख पिता हाईकोर्ट में सहायक रजिस्ट्रार महेश दुबे बहुत खुश हुए . सौम्या असल जिंदगी में भी आईपीएस बनना चाहती हैं.

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