अद्धयात्म

इस ग्रह के कमजोर होने पर झड़ने लग जाते है सिर के बाल…

हस्तरेखा विज्ञान में हथेलियों की बनावट, रेखाओं और चिह्नों के आधार पर भविष्य व स्वभाव के बारे में पता लगाया जा सकता है। इन्‍हीं में से एक हैं हथेली में मौजूद पर्वत। हस्‍तरेखा में इनका भी विशेष महत्‍व होता है। माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति का शनि पर्वत उभरा हुआ होता है तो वह बहुत भाग्‍यशाली होता है।

हस्‍तरेखा विशेषज्ञ जयप्रकाश वर्मा के अनुसार मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत का स्थान है। खास बात यह है कि शनि पर्वत बहुत भाग्यशाली व्यक्ति के हाथों में ही विकसित अवस्‍था में मिलता है। शनि ग्रह से प्रभावित मनुष्य के शारीरिक गठन को बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे मनुष्य कद में असामान्य रूप से लम्बे होते हैं। उनका शरीर सुसंगठित होता है, लेकिन सिर पर बाल कम होते हैं। लम्बे चेहरे पर अविश्वास और संदेह से भरी उनकी गहरी और छोटी आंखें हमेशा उदास रहती हैं। बावजूद इसके उत्तोजना, क्रोध और घृणा को ये छिपा नहीं पाते।

पूर्ण विकसित शनि पर्वत वाला मनुष्य प्रबल भाग्यवान होता है। ऐसे मनुष्य जीवन में अपने प्रयत्‍नों से अधिक उन्नति प्राप्त करते हैं। शुभ शनि पर्वत प्रधान मनुष्य इंजीनियर, वैज्ञानिक, जादूगर, साहित्यकार, ज्योतिषी, कृषक एवं रसायन शास्त्री होते हैं। शुभ शनि पर्वत वाले स्त्री-पुरुष प्रायः अपने माता-पिता की इकलौती संतान होते हैं। उनके जीवन में प्रेम सर्वोपरि होता है। बुढापे तक प्रेम में उनकी रुचि रहती है। वे स्वभाव से संतोषी और कंजूस होते हैं।

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