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इस तरह करें पहचान, लड़का दोस्त है या आपका प्रेमी

एक साथ काम करते हुए या एक साथ पढ़ते हुए अक्सर लड़कियों के मन में ये सवाल आता है की वह दोस्त है या प्रेमी? किसी लड़के के साथ अगर आप काफी लम्बे तक जुडी रहती है तो मन में ऐसे प्रश्न आना स्वाभाविक है। जब वो सिर्फ अच्छा नहीं बल्कि बहुत अच्छा लगने लगे तो आप उन्हें दोस्त नहीं, दोस्त से थोड़ा ज्यादा मानने लगती हैं। पर सवाल ये है की क्या वह भी आपके बारे में यही सोचता है? अगर हाँ, तो आप रिश्ते को एक नया मोड़ दे सकती हैं। अगर नहीं तो कदम पीछे हटाने में ही भलाई है।

क्या वो भी आपके बारे में सोचते हैं?

किसी भी रिलेशनशिप में आगे बढ़ने से पहले अंदाजा लगाने की बजाए पूरी सच्चाई जान लेना अच्छा होता है। दोस्त, आपकी केयर करता है, आपके साथ ज्यादा टाइम बिताता है, निजी मामलों में रूचि लेता है, आपके स्वभाव को समझना चाहता है, आपसे मिलने के बहाने ढूढ़ता है तो ऐसे में बहुत जरुरी है की रिश्ते की शुरुवात से पहले ही आप उनसे सवाल पूछ लें, “क्या वाकई उसे आप में कोई रूचि है? अगर है, तो एक बार सोचें क्या आप भी उसमे रूचि रखना चाहती हैं? पूरी तरह तसल्ली करने के बाद भी रिश्ते में आगे बढ़ें।

इसके विपरीत अगर वो सिर्फ दोस्ती का रिश्ता ही रखना चाहते हैं तो खुद को दायरे में रखें। ना खुद आगे बढ़ें, ना उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। हो सकता है, आपके स्वभाव, मन और विचार मिलने के बाद आप दो कदम आगे की सोचने लगें लेकिन प्यार के रिश्ते में पहले बात कर लें तो ही बेहतर है। अगर दोनों तरफ सकारात्मक संकेत हैं तो रिश्ते में मजबूती आ सकती है।

दोस्त खोने का डर

देर रात तक बातें करना, पुरानी बातें याद करना, खाना-पीना, शॉपिंग जाना, घूमने जाना हर चीज में राय लेने का मतलब ये नहीं होता की वह आपका प्रेमी है। अगर आपको उनकी भावनाओं और बातों से लगता है तो एक बार पूछ लें। दरअसल, कई बार ऐसा लगता है की अपने दिल की बात कह देने से कहीं आप एक अच्छा दोस्त ना खो दें। रिश्ते में डर नहीं भरोसा होना चाहिए। अगर कोई रिश्ता डर दे रहा है तो यह सोचनेवाली बात है।

भले ही आपकी रूचि उनमे हो लेकिन ऐसा जरुरी नहीं की वो भी आपको प्रेमी मानते हो। ऐसी स्थितियों में अधिकतर एकतरफा प्यार की सिचुएशन आ जाती है जिसके अंत में सिर्फ परेशानी मिलती है। ऐसे में बेहतर है की आप पहले से ही अपनी भावनाओं को कंट्रोल में रखें।

भावनाओं के कैसे समझें?

अगर आप उनकी भावनाओं को समझ लेंगी तो रिश्ते को समझना आसान होगा। हमेशा आप पहल ना करें, उनकी प्रतिक्रिया देखें। खुद को हाजिर ना करें, कुछ उन्हें भी करने दें। अगर आपको कुछ गलत महसूस हो तो रिश्ते से खुद को खींच लें। अगर आप उनके साथ नजदीकियों की इच्छा रखती हैं तो बातों-बातों में उन्हें संकेत दे सकती है। अगर वह भी उस संकेत में उतना ही उत्साह दिखाएं तो इसे पॉजिटिव संकेत मानिये।

पहले की सोच लें दोस्ती या प्रेम संबंध?

दोस्तों के साथ दो तरह का रवैया रखें। अगर दोस्ती का रिश्ता रखना है तो सिर्फ इसी पर कायम रहें। दोस्ती के रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव नहीं बल्कि अल्हड़कपन होता है। अगर आपके पास टाइम नहीं है और मन नहीं है तो प्यार में कोई जरूरत नहीं। इससे बेहतर दोस्ती का रिश्ता ही कायम रखें।

शारीरिक रूप से बनाएं दूरी

अगर आप सिर्फ दोस्ती का रिश्ता रखना चाहती है, तो शारीरिक रूप से दूरी बनाकर रखें। बात-बात पर गले में बाहें डालना, आगोश में आना, हाथ पकड़ना कहीं ना कहीं दोनों में से किसी एक को भावनात्मक जुड़ाव की ओर ले जा सकता है। कई बार दोस्तों में इतना खुलापन आ जाता है की वे एक्सपेरिमेंट और मौज-मस्ती के लिए फिजिकल हो जाते हैं। लेकिन दोस्त के साथ इस तरह का रिलेशन दोस्ती में कड़वाहट ला सकता है। अगर आप लंबे समय तक फिजिकल हो रहे हैं तो इसे सिर्फ दोस्ती कहना ठीक नहीं। यह एक तरह का ओपन रिलेशनशिप बन जाता है।

दोस्त को दोस्त ही रहने दें

ऐसे में बेहतर यही ही की दोस्ती को दोस्ती तक हु कायम रखें। फिजिकल रिश्ता बनाना दोस्ती को खराब कर सकता है। ऐसे दोस्त बनाएं, जिनसे आपका व्यवहार मिलता हो। अगर आपको लगे की आपका दोस्त आपसे ईर्ष्या करता है तो उससे दुरी बना लें, क्यूंकि प्रेमी बनने के बाद वह खुद के साथ आपकी तुलना करेगा। जिससे हो सकता है आगे चलकर वह आपकी उन्नति में बाधा बनें। क्यूंकि जो आपकी तरक्की से जलता है उसके साथ रिश्ता नहीं बन सकता।

सहेलियों से मिलवाते समय ध्यान रखें

अपनी फ्रेंड से मिलवाते समय ध्यान रखें की, सामान्य दोस्त को स्पेशल फ्रैंड कहने से बचें। आपको अपनी दोस्ती के रिश्ते के बारे में ज्यादा जानकारी देने की जरूरत नहीं है। यह ना सोचें, की जैसा आप दोस्त के बारे में सोचती हैं, वह भी आपके बारे में वैसा ही सोच रहा हो। दोस्ती में एक स्टेप आगे बढ़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। सिर्फ दोस्ती चाहती हैं तो सही तालमेल बैठाएं।

हमसफ़र बनने के लिए सबसे पहले जरुरी है की अच्छा दोस्त हो। अच्छा दोस्त प्रेमी या पति साबित हो सकता है, पर पति अच्छा दोस्त हो यह जरुरी नहीं। तो अगर आप भी अपने दोस्त को अपना प्रेमी बनाना चाहती है तो जरुरी हैं पहले इन सभी बातों पर अच्छी तरह सोच लें।

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