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ईपीएफ पर टैक्स प्रस्ताव वापस लेने तक जारी रखेंगे संघर्ष : राहुल

105519-rahul-gandhiबोरघाट (असम) : केंद्र पर दबाव बनाते हुए राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि ईपीएफ पर कर लगाने का प्रस्ताव वापस लेने तक वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। असम में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हाल में अपनी बजट की ‘फेयर एंड लवली’ योजना में चोरों को काले धन को सफेद करने का अवसर दिया है लेकिन ईमानदारी से वेतन कमाने वाले वर्ग के जीवन भर की संचय निधि पर कर लगा दिया है।’’ 

राहुल ने कहा कि वह वेतनभोगी वर्ग के लिए लड़ते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाए रहेंगे जो ‘‘उद्योगपतियों के एक चुनिंदा समूह और काला धन रखने वालों के लिए काम करती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मीडिया में कहा और प्रधानमंत्री से भी कहा था कि उनकी ईमानदार संचयन निधि पर कर नहीं लगाएं और इस बारे में कुछ करें। लेकिन बृहस्पतिवार को संसद में अपने एक घंटे के भाषण में इस बारे में उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा।’’ 

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2016-17 के बजट में इस वर्ष एक अप्रैल के बाद ईपीएफ निकासी पर 60 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव का विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों और अन्य वर्गों ने विरोध किया है।

प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए राहुल ने उन पर चुनावी वादे पूरा नहीं कर लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया और कहा कि जिन लोगों ने उन्हें वोट दिया वे अब ‘‘रिफंड’’ चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सरकार पर दबाव बनाना जारी रखूंगा क्योंकि यह ईमानदार कामगार वर्ग की सरकार नहीं है.. यह गरीब किसानों, पिछड़े वर्ग, युवकों, महिलाओं, दलितों, आदिवासी और अल्पसंख्यकों की सरकार नहीं है।’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष कल से राज्य के दो दिवसीय दौरे पर हैं और इससे पहले उन्होंने नौगांव से बोरघाट तक छह किलोमीटर की पदयात्रा की।

राहुल ने कहा कि संसद में मोदी से उन्होंने चार सवाल पूछे थे जिसमें काला धन वापस लाने के उनके वादे और हर किसी के खाते में 15 लाख रूपये जमा कराने, ‘‘काला धन को सफेद बनाने’’ के हाल के बजट में किए गए प्रस्ताव, रोहित वेमुला की आत्महत्या, कन्हैया कुमार और जेएनयू का मुद्दा तथा ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत युवकों के रोजगार के मुद्दे शामिल थे। 

राहुल ने कहा, ‘‘क्या मैंने कुछ गलत कहा था? क्या मैंने कुछ व्यक्तिगत कहा था? मोदी जी ने अपने घंटे भर के भाषण में इन सवालों का जवाब देने के बजाए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को उद्धृत किया और मुझ पर व्यक्तिगत निशाना साधा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का पद काफी सम्मानजनक पद होता है और उन्हें व्यक्तिगत हमले नहीं करने चाहिए थे लेकिन मुझे बुरा नहीं लगा। वह जवाब नहीं देते बल्कि केवल वादे करते हैं जो खोखले होते हैं।’’ जेएनयू विवाद पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को जेएनयू के आठ हजार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने नहीं दिया जा सकता है और उनकी पार्टी छात्रों के साथ है।

उन्होंने कहा, ‘‘जेएनयू में आठ हजार छात्र हैं और उनमें से एक हजार पूर्वोत्तर के छात्र हैं। हम भाजपा को उनका भविष्य खराब करने नहीं देंगे। भाजपा आठ हजार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकती।’’ उन्होंने कहा कि छात्रों ने कोई गलती नहीं की है और ‘‘हम उनके साथ हैं।’’

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