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एलडीए के लापरवाह अफसरों को जबरदस्ती किया गया रिटायर, और पर भी हो सकता है एक्शन

एलडीए में 50 साल से अधिक की उम्र पार कर चुके तीन बाबुओं सहित चार कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं। इनमें निलंबित बाबू काशीनाथ राम और विजिलेंस द्वारा रंगेहाथ घूस लेते हुए पकड़े गए अमीन मुख्तार अहमद शामिल हैं। इन सभी को सेवा नियमावली की शर्तों के अधीन तत्काल सेवा से बाहर कर दिया गया है। वीसी प्रभु एन सिंह ने इनकी सेवाएं खत्म करने के लिए हालांकि लोकहित में आदेश किया जाना बताया है।
प्रदेश सरकार में नीति बनने के बाद एलडीए में यह पहली कार्रवाई है। जिन कर्मचारियों को सेवा से बाहर किया गया वह सभी अलग-अलग मामलों में निलंबित किए जा चुके हैं। खुद काशीनाथ राम को तीन बार सस्पेंड किया गया है। मौजूदा समय में भी वह निलंबित चल रहा है।

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सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में एलडीए में इस कार्रवाई की चपेट में और भी कर्मचारी आ सकते हैं। हालांकि इस कार्रवाई में सबसे अधिक प्रत्याशित निलंबित चल रहे बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा का शामिल नहीं होना है। 

यह कार्रवाई वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड-2 भाग-2 से चार तक में दिए गए अद्यावधिक संशोधित मूल नियम-56 के खंड सी के अधीन वीसी को मिले अधिकार में हुई है। इस नियम से वीसी कर्मचारियों के नियुक्ति अधिकारी हैं। आदेश बृहस्पतिवार से ही लागू कर दिए गए। यह अधिकारी तीन माह की अवधि के लिए मौजूदा वेतन और भत्ते के बराबर धन के दावेदार होंगे। सेवानिवृत्ति के लाभ भी इन कर्मचारियों को मिलेंगे।

किसे, क्यों अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई?

काशीनाथ राम, कनिष्ठ लिपिक – बाबू का नाम एलडीए में काफी चर्चा में रहता है। हाल ही में वीसी ने खुद एलडीए से एक से अधिक संपत्ति के आवंटन के मामले की जांच कराई। हाईकोर्ट में लचर पैरवी की वजह से एक मामले में पूर्व वीसी ने निलंबित किया। अभी भी निलंबित चल रहा।
मुख्तार अहमद, सर्वेयर अमीन – मुख्तार अहमद अर्जन विभाग में तैनात रहे। उन्हें खुद विजिलेंस ने घूस लेते हुए रंगेहाथ करीब छह साल पहले पकड़ा था। उन्हें लंबे समय तक निलंबित भी एलडीए में रखा गया। मौजूदा समय में बहाल चल रहे थे।

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धीरेंद्र नरायन सिंह, कनिष्ठ लिपिक – बाबू को आश्रयहीन योजना पारा और दूसरी संपत्तियों के निस्तारण में अनियमित कार्य के चलते कई बार निलंबित किया गया। अभी बाबू को पूर्व वीसी ने बहाल कर दिया था।
रामचंद्र, वरिष्ठ लिपिक – रामचंद्र लंबे समय से बीमार हैं। उन्हें लकवा की वजह से बिस्तर पर रहने के लिए डॉक्टर ने सलाह दी है। इसकी वजह से वह एलडीए को अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे थे। उन्हें भी पूर्व में रेंट और संपत्ति विभाग में काम करने के लिए बीच निलंबित किया गया।

कर्मचारियों को सेवा नियमावली के मुताबिक सेवानिवृत्ति दी गई है। सभी कर्मचारी तुरंत सेवा से बाहर माने जाएंगे। उन्हें तीन महीने के वेतन और भत्ते के बराबर भुगतान एलडीए से किया जाएगा।

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