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कश्मीर में पहली बार अलगाववादियों के पास पैसो की कमी, एजेंसियों के कसते शिकंजे का असर

कश्मीर में पाकिस्तान से होने वाली टेरर फंडिंग में कमी का असर अब अलगाववादियों में साफ दिखने लगा है. जबसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग को लेकर अपना जांच दायरा बढ़ाया है, तबसे अलगाववादियों को पाकिस्तान से होने वाली फंडिंग में काफी कमी देखने को मिल रही है.

पहली बार सैय्यद अली शाह गिलानी समेत सभी बड़े कश्मीरी अलगाववादी नेता इस बात से परेशान हैं कि फंडिंग की इस कमी को कैसे दूर किया जाए?  गृह मंत्रालय के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अब अलगाववादी डोनेशन के नाम पर कश्मीर में फंड इकट्ठा करने की कोशिश में लगे हुए हैं, जिससे कश्मीर में आतंकियों की मदद की जा सके.

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ख़ुफ़िया एजेंसियों की रिपोर्ट
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी केंद्र सरकार को भेजे रिपोर्ट में कहा है कि हुर्रियत के नेताओं के बीच हुई बैठक में सैय्यद अली शाह गिलानी समेत कई अलगाववादियों ने पैसे की कमी का रोना रोया. एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने रमज़ान के दौरान अलगाववादियों ने चैरिटी के नाम पर पैसे इकठ्ठे किये. यही नहीं श्रीनगर में शब-ए-क़दर के दौरान घाटी के अलग-अलग मस्जिदों से भी डोनेशन के नाम पर अलगाववादियों ने पैसे इकट्ठे किए.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ज़ी न्यूज को बताया कि जबसे एनआईए, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों ने पाकिस्तान से होने वाली टेरर फंडिंग पर अपना शिकंजा कसा है घाटी में उसका असर साफ दिखने लगा है. आतंकियों और अलगाववादियों को पाकिस्तान से मिलने वाली टेरर फंडिंग में कमी आई है.

ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक अलगाववादियों ने रमज़ान के दौरान कई जगह भारत विरोधी प्रदर्शन कराए और कई जगह बैनर लगाकर लोगो से डोनेशन की मांग की. कश्मीर में टेरर फंडिंग पर नज़र रखने वाले एक अधिकारी के मुताबिक हम इस बात की जानकारी एकत्र कर रहे हैं कि डोनेशन के नाम पर हुर्रियत और दूसरे अलगाववादियों ने कितने पैसे एकत्र कर लिए हैं.

उल्‍लेखनीय है कि टेरर फंडिंग की जांच एनआइए कर रही है और उसने पिछले साल से लेकर अब तक टेरर फंडिंग के नेटवर्क को काफी नुकसान पहुंचाया है. कई ऐसे हवाला ऑपरेटर्स को भी गिरफ्तार किया गया है जो अलगाववादियों को फंड मुहैया कराते थे. टेरर फंडिंग की कमी के चलते घाटी में पत्थरबाजी में भी काफी कमी आई है. अलगाववादी पैसे देकर सुरक्षा बलों के खिलाफ पत्थरबाज़ी कराते थे

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