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केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ त्रिशुर की अदालत ने FIR का निर्देश दिया

oommen-chandy-testifies_650x400_61453894146_635895862014985123कोझीकोड: सोलर स्कैम को लेकर केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के खिलाफ एफआईआर का निर्देश दिया गया है। ये निर्देश त्रिशुर की अदालत ने दिए हैं। इस मामले में बुधवार को एक आरोपी सरिता नायर ने न्यायिक कमीशन के सामने कहा कि उनसे सीएम के करीबी ने 7 करोड़ रुपये मांगे थे और उन्होंने 1 करोड़ 90 लाख रुपये दिए, हालांकि केरल के सीएम ओमन चांडी ने आरोपों को बकवास बताया है और कहा है कि कि जांच के बाद तीन स्टाफ़ को सस्पेंड कर दिया गया है।  चांडी के खिलाफ प्रदर्शन लेफ्ट के एजेंडे पर सबसे ऊपर सोलर स्कैम नज़र आ रहा है। लेफ्ट के छात्र संगठन डीवाईएफ़आई विरोध प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने सेक्रेटेरियट के पास बैरियर तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।  इससे पूर्व केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने सौर घोटाले की एक आरोपी द्वारा उन पर लगाए गए रिश्वत लेने के आरोपों को ‘राजनीतिक षडयंत्र’ बताते हुए इसके लिए बार मालिकों के एक वर्ग को दोषी ठहराया।  सौर मामले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर ने मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग के समक्ष कोच्चि में अपना बयान देते हुए चांडी और ऊर्जा मंत्री आर्यादन मोहम्मद को निशाना बनाया था और आरोप लगाया था कि उसने मुख्यमंत्री के एक निकट सहयोगी को 1.90 करोड़ रुपये और मोहम्मद को 40 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। दोनों ने आरोपों से इनकार किया है।  शराब लॉबी की मिलीभगत से रचे गए आरोप चांडी ने कहा, नए आरोप शराब लॉबी की मिलीभगत से रचे गए राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हैं। सरकार ने कई शराब बारों को बंद करने का साहसिक कदम उठाया था। वे (बार मालिक) विभिन्न अदालतों – उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में लड़ाई हार गए, इसलिए अब वे सरकार पर निशाना साधने के लिए नए आरोप लगा रहे हैं।  सरिता के आरोप षडयंत्र का हिस्सा उन्होंने संवाददाताओं से कहा, सरकार के पास इस संबंध में पुख्ता सबूत है। उन्होंने कहा कि सरिता ने जो आरोप लगाए, वे इसी षडयंत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने माकपा की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी सरकार को गिराने में असफल रही इसलिए अब वह यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रही है कि कांग्रेस नीत यूडीएफ आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में न आए।

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