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कोरोना काल में छूटी नौकरी, लोग समझने लगे पागल व भिखारी

नोएडा : ग्रेटर नोएडा की विप्रो कंपनी के पास पार्क में नग्न अवस्था में पड़े खुर्जा के रहने वाले विकास गुप्ता को सुनील नागर और राजीव मावी ने उनके घर वालों से मिलवाया। पूछताछ में पता चला कि विकास गुप्ता ग्रेटर नोएडा के एक रेस्तरां में नौकरी करते थे। कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन शुरू होने पर नौकरी चली जाने से वह तनाव में आ गए। उसके बाद सब्जी का ठेला भी शहर में लगाया, लेकिन काम नहीं चल पाया। इसके बाद वह शहर में भिखारियों की तरह घूमने लगे। ग्रेटर नोएडा में विप्रो कंपनी के पास एक पार्क में एक व्यक्ति ने विकास को नग्न अवस्था में भूखा-प्यासा देखा था। लोग उन्हें पागल और भिखारी समझ रहे थे।

सुनील नागर ने बताया कि बुधवार सुबह उनके साथी राजीव मावी ने बताया कि एक व्यक्ति भूखा प्यासा नग्न अवस्था में विप्रो कंपनी के पास पार्क में पड़ा है। सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने पार्क में पड़े व्यक्ति से बात कर उसका नाम पूछा। उन्होंने अपना नाम विकास गुप्ता निवासी खुर्जा बताते हुए कहा कि वह ग्रेनो के एक रेस्तरां में काम करता था। सुनील नागर ने इंटरनेट पर रेस्तरां का नाम सर्च किया और उसके मालिक का नंबर निकाला और उनसे बात की। मालिक ने विकास गुप्ता की पहचान करते हुए उनके परिजनों का नंबर दिया।

इसके बाद परिजनों से बात कर उन्हें विकास के बारे में बताया गया। परिजन तुरंत ग्रेनो आए और विकास गुप्ता को अपने साथ लेकर चले गए। सुनील नागर ने बताया कि विकास गुप्ता के विप्रो चौक में पड़े होने की बात उन्होंने ट्वीट कर पुलिस से की थी। पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने सूरजपुर कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए कि मामले में कार्रवाई की जाए।

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