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कोरोना से अनाथ बच्चों को केंद्र से नहीं मिली तत्काल राहत, राजस्थान सरकार से सीखना चाहिए: गहलोत

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेसहारा बच्चों के लिए केंद्र सरकार के पैकेज पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा है ”भारत सरकार ने जो पैकेज जारी किया है वह सही नहीं है, इस पैकेज में विधवाओं के लिए कुछ भी नहीं है पैकेज का मतलब होता है कि तत्काल सहायता दी जाए लेकिन इस पैकेज में जो प्रावधान हैं वह एक उम्र के बाद मिलने वाली सहायता राशि के तौर पर हैं. राजस्थान सरकार ने जो पैकेज जारी किया है उसमें ₹1,00,000 की राशि तत्काल प्रभाव से दी जा रही है.

अशोक गहलोत ने आगे कहा ”इस पैकेज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करूंगा, हमारी कोशिश रहेगी कि केंद्र सरकार कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों और विधवा हुई महिलाओं के लिए तत्काल प्रभाव से राहत पैकेज की घोषणा करे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा ”इससे पहले हमने फ्री वैक्सीन करवाने के लिए भी संघर्ष किया, लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाया, तब आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही फैसला किया है.”

”राजस्थान में फ्री वैक्सीनेशन की खबरें स्टोरी बनाने के लिए प्लांट की गई हैं. प्रदेश को बदनाम करने की कोशिश की गई, कहा गया कि राजस्थान में 11:30 लाख वैक्सीन डोज खराब हो गई हैं” एक अखबार का नाम लेते हुए सीएम ने कहा जनता को ऐसे माहौल में ऐसी असत्य खबरें नहीं देनी चाहिए. अखबार ने नर्सिंग स्टाफ को बदनाम किया है, नर्सिंग स्टाफ का ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा जो वैक्सीन बर्बाद करेगा?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा ”पूरे राजस्थान की जनता सरकार के साथ खड़ी है. राजस्थान में वैक्सीनेशन के लिए 20,000 सेंटर तैयार कर लिए गए हैं, तीसरी लहर से पहले राजस्थान सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेट किया जाए. तीसरी लहर चाहे कितनी भी खतरनाक क्यों ना हो, हमारी तैयारी पूरी है.”

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